महावीर बाग में चातुर्मास एवं पयुर्षण महापर्व की सफलता के लिए चौधरी का आत्मीय सम्मान  

महावीर बाग में चातुर्मास एवं पयुर्षण महापर्व की
सफलता के लिए चौधरी का आत्मीय सम्मान

इंदौर, । एरोड्रम रोड़ स्थित महावीर बाग पर उपाध्यायश्री प.पू. प्रवीण ऋषि म.सा. के सानिध्य में चल रहे चातुर्मास एवं पर्युषण महापर्व की आयोजन समिति के प्रमुख संयोजक एवं श्री वर्धमान श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के उपाध्यक्ष अचल चौधरी का ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति की ओर से आत्मीय सम्मान किया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष नेमनाथ जैन अस्वस्थ होने के कारण इस अवसर पर उपस्थित नहीं हो सके।
इस अवसर पर चौधरी को शाल, पगड़ी एवं मोतियों की माला पहना कर उनके द्वारा चातुर्मास एवं पयुर्षण महापर्व के दौरान दिए गए सहयोग के लिए कृतज्ञता ज्ञापित की गई। ट्रस्ट की ओर से महामंत्री रमेश भंडारी, प्रकाश भटेवरा,जिनेश्वर जैन, सुमतिलाल छजलानी, सतीशचंद्र तांतेड़, सुरेश देशलहरा, राजेंद्र महाजन, अशोक मंडलिक, टी सी जैन, पीयूष जैन, नरेंद्र मेहता, शरद मेहता, अभय झेलावत आदि ने चौधरी का सम्मान करते हुए उनके मंगलमय एवं उज्जवल भविष्य की मंगल कामनाएं व्यक्त की। चौधरी ने अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में कहा कि मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे चातुर्मास और पयूर्षण जैसे महापर्वों के दौरान निमित्त बनने का अवसर मिला। इस सारी सफलता का श्रेय पूरी टीम, सभी श्रीसंघों एवं विभिन्न जैन संगठनों को सैकड़ों कार्यकर्ताओं को जाता है जिन्होने दिन रात मेहनत कर महावीर बाग के इस अनुष्ठान को अब तक का  सबसे दिव्य और ऐतिहासिक आयोजन बनाया है। उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में भी समाज के  सभी रचनात्मक सेवा प्रकल्पों में इसी तरह सभी संगठनों और सेवाभावी बंधुओं का सहयोग निरंतर मिलता रहेगा। उपस्थित समाज बंधुओं ने हर्ष हर्ष की मंगल ध्वनि के बीच चौधरी के सम्मान की अनुमोदना की। इस मौके पर  श्राविका संघ की और से विनय बहन नांदेचा का भी संघ की और से सम्मान किया गया।
उपाध्यायश्री प्रवीण ऋषि जी म. सा. ने आशीर्वचन में कहा कि इन्दौर का यह गौरवशाली संघ है,इस संघ ने कई बड़े बड़े चातुर्मास सम्पन्न कराए हैं। अध्यक्ष लाला नेमनाथ जैन के दिशा निर्देश में संघ के पदाधिकारी एव कार्यकर्ता बहुत ही लगन से जिन शासन की सेवा कर रहे है, मैं इन सभी की सेवाओ के लिए अनुमोदना करता हूं। इन्दौर का यह संघ यशस्वी बने ऐसी मेरी मंगल कामना है।  संचालन जिनेश्वर जैन ने किया और आभार माना प्रकाश भटेवरा ने।