दुकान और तिजोरी की तरह अपने बच्चों को धर्म की बागडोर भी सौंपे – प्रवीण ऋषि

दुकान और तिजोरी की तरह अपने बच्चों को
धर्म की बागडोर भी सौंपे – प्रवीण ऋषि

इंदौर, । हमने अपनी दुकान और तिजोरी की चाबी तो अपने बच्चों को सौंप दी, लेकिन धर्म की बागडोर नहीं सौंपी। संस्कारों का बीजारोपण करने के लिए हमें किसान बनकर बंजर पड़े खेतों में पानी देना होगा। संस्कारों के बीज इतने गहरे बोना होंगे कि अन्य कोई मौसम उन्हें प्रभावित न कर सके। यह हमारी जिम्मेदारी है कि बेटा कारोबार के साथ धर्म का काम भी दिलचस्पी के साथ कर सके।
ये दिव्य विचार हैं उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि म.सा के, जो उन्होंने आज एरोड्रम रोड स्थित महावीर बाग पर चल रहे चातुर्मास में पर्युषण के सातवें दिन की धर्मसभा में ‘संस्कारों का बीजारोपण’ विषय पर अपने आशीर्वचन में व्यक्त किए। सुबह सभा में अंतगड सूत्र का वाचन प.पू. तीर्थेश ऋषि म.सा. एवं महासती आदर्श ज्योति म.सा. ने किया। आत्मज्योति म.सा. ने भी संबोधित किया। उपाध्यायश्री ने कहा कि दुनिया में 15 हजार जैन मुनि और संत 24 घंटे समाज की सेवा में समर्पित रहकर बिना किसी खर्च के अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हमारे वरिष्ठ जैन संतों ने दक्षिण भारत मंे जाकर अनेक दक्षिण भारतीयों को जैन बनाया लेकिन हमारे सामने तो जैन को जैन बनाए रखने की ही चुनौती है।
तपस्वी का अभिनंदन – इस अवसर पर 32 उपवास की तपस्या करने वाले सुनील तांतेड़ का सांसद शंकर लालवानी के आतिथ्य में शॉल-श्रीफल एवं अभिनंदन पत्र भेंटकर सम्मान किया गया। श्री वर्धमान श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट की ओर से प्रमुख संयोजक अचल चौधरी, महामंत्री रमेश भंडारी, जिनेश्वर जैन, प्रकाश भटेवरा, सुमतिलाल छजलानी, सतीशचंद्र तांतेड़, मनोहरलाल जैन मकवाना, अभय झेलावत, पूर्व पार्षद दीपक जैन टीनू, गजेंद्र बोडाना, गजेंद्र तांतेड़, संतोष जैन, शैलेष निमजा, अशोक मंडलिक, हिमांशु बोटादरा, रितेश कटकानी, सुरेश देशलहरा, टी.सी. जैन आदि ने सुनील तांतेड़ एवं अन्य तपस्वियों का बहुमान किया। स्थानकवासी युवक संघ, स्वाध्याय शाला, श्राविका संघ एवं सुप्रीम ग्रुप एवं आनंद तीर्थ महिला परिषद की ओर से सुनीता छजलानी, प्रमिला डागरिया, सुवर्णा ठाकुरिया, नीरा मकवाना, शोभना कोठारी, श्रेया जैन, सुशीला निमजा, सुषमा जैन, शीतल जैन, अंजूश्री जैन एवं प्रवीणा जैन ने भी तपस्वियों का सम्मान किया। दोपहर में महाचौबीसी का आयोजन भी किया गया जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने तपस्वी भाई-बहनों की अनुमोदना में भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। संचालन हस्तीमल झेलावत ने किया।