दुश्मनी को दोस्ती में बदल दे, उसका नाम पर्युषण

दुश्मनी को दोस्ती में बदल दे, उसका नाम पर्युषण

इंदौर, । रिश्ते कभी-कभी इतने पवित्र होते हैं कि हमें शिखर पर भी पहुंचा देते हैं और कभी उन्हीं रिश्तों के कारण गहरी खायी में भी पहंुचना पड़ता है। जो दुश्मनी के रिश्ते को दोस्ती में बदल दे, उसका नाम पर्युषण और जो दोस्ती के रिश्ते को दुश्मनी बना दे उसका नाम महाभारत। चिंतन करें कि सारे रिश्ते यदि दोस्ती के हो जाएं तो कोई समस्या ही जन्म नहीं ले सकती। जीवन में परेशानी के जितने भी कारण आते हैं, उन्हें गुरू समझना चाहिए। हमारे रोने के दो कारण होते हैं – या तो हम हेल्पलेस हैं या होपलेस हैं। खुद से प्यार करने वाला ही सबको प्यार कर सकता है। पर्युषण महापर्व संकल्पों को अपनाने का अवसर है। अकल्प का त्याग और कल्प का स्वीकरण – यही है पर्युषण।

एरोड्रम रोड स्थित महावीर बाग, आनंद समवशरण पर श्री वर्धमान श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति के तत्वावधान में चल रहे चातुर्मास की धर्मसभा में उपाध्याय श्री प.पू. प्रवीण ऋषि म.सा. ने पर्युषण की पूर्व बेला में क्षमा का महत्व बताते हुए उक्त भावपूर्ण विचार व्यक्त किए। प्रारंभ में ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति की ओर से अचल चौधरी, रमेश भंडारी, जिनेश्वर जैन, सतीशचंद्र तांतेड़, प्रकाश भटेवरा, शैलेष निमजा, संतोष जैन, पर्युषण व्यवस्था समिति के संयोजक विमल चौरड़िया, पीयूष जैन, सुनीता छजलानी, सुवर्णा ठाकुरिया, नीरा मकवाना आदि ने सभी श्रावकों की अगवानी की।
आज से 8 दिवसीय पर्युषण महापर्व – स्थानकवासी जैन समाज के इतिहास में शहर में पहली बार गणेशोत्सव की तर्ज पर पर्युषण महापर्व की स्थापना भी घर-घर होगी। संयोजक विमल चौरडिया ने बताया कि लगभग 500 परिवारों ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पर्युषण के लिए बनाए गए ‘लोगो’ की घर-घर में स्थापना और सजावट 4 सितंबर से शुरू हो जाएगी। यही नहीं, इस दौरान पहली बार प्रतिक्रमण भी रोजाना सांय 6.30 बजे ऑनलाईन होगा। महावीर बाग में शनिवार से आठ दिवसीय आवासीय शिविर भी शुरू हो जाएगा जिसमें 108 आराधक वहीं रहकर सुबह 5.30 बजे से रात 10 बजे तक संयम, त्याग और साधना की दिनचर्या बिताएंगे। इनमें 15 वर्ष से लेकर 75 वर्ष आयु तक आराधक शामिल हैं। महावीर बाग में रहते हुए ही सभी आराधक अपने सामर्थ्य के अनुसार एकासना, तेला, अठई, आयम्बिल आदि तपस्या भी करेंगे