अहिंसा, संयम, तप और क्षमा का संदेश देता है पर्युषण पर्व
इंदौर, । रेसकोर्स स्थित श्री श्वेतांबर जैन तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट एवं श्रीसंघ रेसकोर्स रोड के तत्वावधान में श्वेतांबर जैन समाज के 8 दिवसीय पर्युषण महापर्व का शुभारंभ आज से बास्केटबॉल काम्प्लेक्स के नए स्टेडियम में हुआ। इस अवसर पर आचार्य देव बंधु बेलड़ी जिनचंद्र-हेमचंद्र सागर सूरी म.सा. के शिष्य, श्रमणरत्न प्रवचनकार प्रसन्नचंद्र सागर म.सा. ने कहा कि पर्युषण महापर्व अहिंसा, संयम, तप और क्षमा का संदेश देता है।
रेसकोर्स रोड उपाश्रय ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश बांगानी एवं सचिव यशवंत जैन ने बताया कि धर्मसभा को प.पू. पंक्तिपूर्णाश्रीजी एवं युक्तिपूर्णाश्रीजी म.सा. ने भी संबोधित किया। श्रावकों की अगवानी सौमिल कोठारी, पुखराज बंडी, प्रवीण गुरूजी, विपिन सोनी, कीर्ति डोसी आदि ने की। जन्म वाचन का मुख्य उत्सव मंगलवार 7 सितंबर को सुबह 10 बजे से मनाया जाएगा। संवत्सरी प्रतिक्रमण शुक्रवार 10 सितंबर को दोपहर 3.30 बजे से होगा। समाजसेवी राजेंद्र-मधुबाला एवं जयसिंह-टीना के परिवारजन इसके लाभार्थी होंगे। श्रावकों के लिए आज से 9 सितंबर तक सुबह 5.45 बजे एवं सांय 7 बजे से रेसकोर्स रोड उपाश्रय में प्रतिक्रमण होगा, वहीं श्राविकाओं के लिए प्रतिक्रमण मनीष सुराणा के रेसकोर्स रोड स्थित निवास पर प्रतिदिन सांय 6.45 बजे से होगा। श्री नवकार परिवार, सुलसा रेसकोर्स रोड शाखा, सामायिक मंडल, महिला मंडल एवं पाठशाला की ओर से भी पर्युषण के दौरान सहभागिता रहेगी।
प.पू. प्रसन्नचंद्र सागर म.सा. ने कहा कि बुरे विचारों और बुरे कर्मों से हमें रोककर श्रेष्ठ विचारों और सदकर्मों की ओर प्रवृत्त करने का काम धर्म से ही संभव है। धर्म वही हो सकता है जो हमें दुर्गति में जाने से रोके और सदगति की ओर ले जाए। धर्माचरण से हमारे राग-द्वेष, क्रोध, माया, लोभ आदि नष्ट होते हैं तथा क्षमा और सदाचार के गुण प्रकट होते हैं। मनुष्य को अपना जीवन हमेशा धर्ममय ही बनाए रखना चाहिए। पर्युषण के आठ दिनों में अहिंसा का पूरी तरह पालन करना चाहिए। प्रकृति के संरक्षण के लिए भी जल की बचत अवश्य करना चाहिए।