हंसदास मठ पर रणछोड़जी और गरूडजी की रंगारंग झांकी देखने लगा रहा भक्तों का तांता

हंसदास मठ पर रणछोड़जी और गरूडजी की
रंगारंग झांकी देखने लगा रहा भक्तों का तांता


पांच किलो चांदी के आभूषण समर्पित – लड्डू गोपाल की झांकी देखने लगी रही कतारें

इंदौर, । बड़ा गणपति, पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर आज जन्माष्टमी के महापर्व पर सुबह से देर शाम तक भक्तों का तांता लगा रहा। यहां भगवान रणछोड़जी का पांच किलो चांदी से मनोहारी श्रृंगार किया गया था वहीं लड्डू गोपाल को भी फूलों से बने हिंडोले में झूला झूलते देखने के लिए भक्तों की कतारें लगी रही।
मठ के पं. पवनदास शर्मा ने बताया कि गरूडजी पर सवार होकर भगवान रणछोड़जी द्वारा देवकी और वसुदेव को दर्शन देने तथा कृष्ण जन्म के बाद नन्हें कृष्ण को उफनती हुई यमुना से पार लगाकर नंदगांव पहुंचाने की झांकी भी आकर्षण का केंद्र बनी रही। मठ पर की गई रंगारंग विद्युत सज्जा की रोशनी में समूचा परिसर जगमग बना रहा। हंस पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी रामचरण दास महाराज के सान्निध्य में भगवान रणछोड़जी को चांदी के आभूषण समर्पित किए गए। भक्तों का आगमन वैसे तो सुबह से ही शुरू हो गया था लेकिन सपरिसर आने का सिलसिला सांय 5 बजे से चलता रहा। जन्माष्टमी पर भगवान राधा-कृष्ण सहित सभी देवी-देवताओं के विग्रहों को नई पोशाक धारण कराई गई। भगवान रणछोड़जी का पांच किलो चांदी से रजत श्रृंगार किया गया, जिसमें चारों हाथ, पदम, शंख, गदा, कमल आदि शामिल हैं। कृष्ण जन्म के पूर्व रात 11.30 बजे भगवान शालिग्राम का पंचामृत से अभिषेक किया गया तथा ठीक रात 12 बजे ‘भए प्रकट गोपाला दीनदयाला’ के उदघोष के साथ जन्मोत्सव की महाआरती संपन्न हुई। पंजेरी एवं माखन मिश्री तथा फलों का प्रसाद वितरण किया गया। कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए सभी कार्यक्रम सौल्लास संपन्न हुए। मठ के इस उत्सव का फेसबुक पर लाईव दर्शन भी प्रसाारित किया गया। अनेक राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि भी उत्सव में शामिल हुए।