शहर के 58 जैन मंदिरों में रविवार सुबह से
दिनभर चलेगा जिनालय शुद्धिकरण अभियान

इंदौर, . नवरत्न परिवार एवं जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ के तत्वावधान में रविवार 29 अगस्त को शहर के 58 श्वेतांबर जैन मंदिरों में जिनालय शुद्धिकरण अभियान चलाया जाएगा। पूरे देश के 1200 जिनालयों में भी रविवार को ही यह अभियान एकसाथ चलेगा। जैन मंदिरों की सफाई-शुद्धि का यह 10वां वर्ष है। सुबह 8 बजे से शहर के सभी जैन श्रीसंघों की मेजबानी में अपने-अपने क्षेत्र के युवा श्रद्धालु एवं सभी श्रीसंघों के श्रावक-श्राविकाएं, ट्रस्टी और मंदिरों के व्यवस्थापक विशेष परिधान में हर्षोल्लास के साथ मंदिरों तक पहुंचेंगे। मंदिरों की सभी प्रतिमाओं, पूजा सामग्री के स्थानों, दीवारों एवं फर्श से लेकर सभी स्थानों की सफाई के लिए शास्त्र सम्मत साधनों की किट्स का प्रयोग इस अभियान में किया जाएगा।
नवरत्न परिवार के प्रमुख संयोजक ललित सी. जैन, आयोजन प्रभारी प्रीतेश ओस्तवाल एवं मालवा महासंघ के अध्यक्ष दिलसुखराज कटारिया ने बताया कि प.पू. आचार्य नवरत्न सागर सूरीश्वर म.सा. की प्रेरणा एवं प.पू. आचार्य विश्वरत्न सागर सूरीश्वर म.सा. के मार्गदर्शन में इस बार मध्यप्रदेश, राजस्थान, प. बंगाल, झारखंड एवं बिहार के 1200 जिनालयों के शुद्धिकरण का अभियान सुबह 8 बजे से रविवार 29 अगस्त को प्रारंभ होगा, जो जिनालयों के शुद्धिकरण होने तक जारी रहेगा। शहर के पीपली बाजार, कालानी नगर, अनुराग नगर, महेश नगर, मल्हारगंज, जानकी नगर, विजय नगर, क्लर्क कालोनी, रतनबाग, गुमाश्ता नगर, अंजनी नगर, वल्लभ नगर सहित सभी श्रीसंघों के जिनालयों में यह अभियान एकसाथ चलेगा। जिन मंदिरों की साफ-सफाई सबसे बेहतर और श्रेष्ठ होगी ऐसे 11 मंदिरों के पुजारियों एवं सहभागी संगठनों को आकर्षक पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाएगा। इंदौर में करीब 58 जिनालयों का चयन किया गया है जहां युवाओं, श्रावक-श्राविकाओं तथा श्रीसंघों के सदस्यों के सहयोग से यह अभियान शुरू होगा। इसमें शिखरबंद अर्थात उन्हीं मंदिरों को शामिल किया जाएगा, जिनके शिखर और ध्वजा दृश्यमान हों। सकल जैन श्रीसंघों की ओर से इस अभियान में अपने-अपने क्षेत्रों के जिनालयों तक हर्षोल्लास के साथ मंदिरजी तक की यात्रा के बाद जिनालयों के शुद्धिकरण का क्रम शुरू होगा।  नवकार एवं नवरत्न परिवार के 300 युवा कार्यकर्ता भी पूरे शहर में इस अभियान में सहभागी होंगे।
शास्त्रोक्त सामग्री – प्रमुख संयोजक ललित सी. जैन के अनुसार जिनालयों के शुद्धिकरण में आंवला, अरिठा, वडी पावडर, शिकाकाई पावडर, कपूर, बरास, चंदन आदि सामग्री का प्रयोग ही किया जाएगा। किसी तरह के रसायन या रंग आदि का प्रयोग निषिद्ध रहेगा। सफाई अभियान के बाद अष्टप्रकारी पूजन भी होगा। शास्त्रों में शुद्धिकरण को नौवीं पूजा माना गया है। इस दौरान मंदिर के पुजारियों को उपहार भी दिए जाएंगे। इस अभियान की तैयारियां पहले से ही शुरू हो चुकी है।