23 वर्षीया प्राची भी चली संयम और वैराग्य के पथ पर

विज्ञान स्नातक और बी.फार्मा जैसी उपाधियां प्राप्त 23 वर्षीया प्राची भी चली संयम और वैराग्य के पथ पर

इंदौर, । एरोड्रम रोड स्थित महावीर बाग पर चल रहे चातुर्मास की धर्मसभा में आज उस समय हर्ष हर्ष की मंगल ध्वनि और महावीर स्वामी का जयघोष गूंज उठा, जब 23 वर्षीया बी.एससी और बी.फार्मा जैसी उपाधियां प्राप्त उच्च शिक्षित युवती प्राची मुणोत ने उपाध्याय प्रवर प.पू. प्रवीण ऋषि म.सा. के समक्ष अपने माता-पिता सतीश-जयश्री मुणोत के साथ पहंुचकर जैन धर्म की दीक्षा लेने की इच्छा व्यक्त की। मुणोत दंपत्ति ने अपनी बेटी को उचित समय पर दीक्षा दिलाने के लिए उपाध्यायश्री को आज्ञापत्र भी सौंपा। धर्मसभा में आज एक ऐसी महिला का सम्मान भी किया गया जो पिछले 31 वर्षों से लगातार मासखमण की तपस्या करती आ रही हैं और इस बार उन्होंने 35 उपवास किए हैं।
उपाध्यायश्री की निश्रा मंे दीक्षा लेने के लिए इसके पूर्व भीम (राजस्थान) की एक 9 वर्षीय बालिका नेहा रावत ने भी गत 10 अगस्त को संयम और वैराग्य के पथ पर चलने की इच्छा व्यक्त की है। आज अहमदनगर जिले के करंजी कस्बे के जैन परिवार की प्राची मुणोत ने भी धर्मसभा मंे पहंुचकर अपने माता पिता की मौजूदगी में उपाध्यायश्री के समक्ष संयम और वैराग्य के पथ को अंगीकार करने की इच्छा व्यक्त की। प्राची ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले वर्ष चातुर्मास के दौरान महासती सुनंदाजी के सान्निध्य मंे आने के बाद उनके जीवन में यह बदलाव आया है। बचपन में कई तरह के खिलौने, कपड़े और मिठाईयां मिलने से क्षणिक खुशी होती रही है लेकिन अब अपनी शिक्षा पूरी होने के बाद लगता है कि संयम और वैराग्य ही मेरे जीवन का प्रथम लक्ष्य है। मैं अपने माता-पिता की सहर्ष सहमति से यह कदम इस विश्वास के साथ उठा रही हूं कि जल्द से जल्द सिद्ध बनने की ओर अग्रसर हो सकूं। मेरे लिए यह खुशी का मौका है कि इंदौर के श्रीसंघ की पावन भूमि पर मेरे माता-पिता गुरूदेव को यह आज्ञापत्र सौंप रहे हैं। मेरी हार्दिक अभिलाषा है कि मेरी दीक्षा गुरूदेव के सान्निध्य में हो। प्राची की मां श्रीमती जयश्री मुणोत ने भी अपने भावपूर्ण उदबोधन में कहा कि आज मैं भावुक तो हूं पर उससे भी ज्यादा हर्षित हूं। हमने बेटी को बहुत समझाया और मनाया लेकिन जब उसका दृढ़ संकल्प देखा तो उसे वैराग्य के पथ पर चलने की अनुमति दे दी। हम आज यहां अपने कलेजे के टुकड़े को आपके चरणों में समर्पित कर रहे हैं। इस अवसर पर श्री वर्धमान श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट एवं चातुर्मास आयोजन समिति की ओर से अचल चौधरी, रमेश भंडारी, कैलाश नाहर, टीसी जैन, हंसकुमार जैन, नेमीचंद आंचलिया, जिनेश्वर जैन, प्रकाश भटेवरा, गजेंद्र बोढ़ाना, दीपक ठाकुरिया, श्रीमती सुनीता छजलानी सहित अनेक बंधुआंे ने मुणोत दंपत्ति का शॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मान किया। श्वेतांबर जैन महासंघ की ओर से अध्यक्ष कैलाश नाहर ने उपाध्यायश्री से आग्रह किया कि वे प्राची का दीक्षा समारोह इंदौर में ही आयोजित करें। उन्होंने कहा कि 19 सितंबर को बास्केटबॉल काम्प्लेक्स मंे सुबह 9 बजे सामूहिक क्षमावाणी एवं तपस्वियों के सम्मान का भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें शहर में विराजित सभी साधु-साध्वी भगवंत भी निश्रा प्रदान करेंगे। संचालन संतोष जैन ने किया और आभार माना श्रीमती सुनीता छजलानी ने।
पैंतीस उपवास करने वाली श्रीमती सरोज भटेवरा का सम्मान – महावीर बाग में चल रहे चातुर्मास के दौरान बड़ी संख्या में तपस्या का क्रम भी जारी है। आज एक ऐसी महिला का सम्मान किया गया जो पिछले 31 वर्षों से लगातार मासखमण की तपस्या करते आ रही है। यही नहीं, श्रीमती सरोज भटेवरा ने 34, 36, 39, 42, 51 और 52 दिनों तक भी तपस्या की है। आज उनके उपवास के 35वें दिन की तपस्या पूरी होने पर संघ एवं चातुर्मास समिति की ओर से उनका सम्मान कर अभिनंदन पत्र भेंट किया गया।