समझौते के बाद भी समस्या के चलते वन स्टॉप सेंटर ने पुनः की कार्यवाही”

“समझौते के बाद भी समस्या के चलते वन स्टॉप सेंटर ने पुनः की कार्यवाही”

इंदौर वन स्टॉप सेंटर केजिला कार्यक्रम अधिकारी: डाॅ.सी. एल.पासी,प्रशासन : , डाॅ. वंचना सिंह परिहार, परामर्शदात्री : सुश्री अल्का फणसे, केस वर्कर: सुश्री शिवानी श्रीवास ने जानकारी में बताया कि दिनांक 24/06/21 को सुनीता पति राजेंद्र(परिवर्तित नाम) वन स्टॉप सेंटर पर आवेदन दिया, इसे शिकायत थी की ननद और सास पति को शराब पिलाकर मारपीट करवाते हैं।पति कहता है जैसा मैं कहूंगा वैसे रह नही तो मेरे घर से निकल।मेरे नाम से लोन लेकर गाड़ी ली थी वह भी गायब है। मैं कुछ दिनों से मेरी मां के घर पर हूं। मेरे पति को बुलाकर परामर्श दिया जाय। केंद पर दोनों को बारी बारी बुलाया गया कथन के साथ ही एकल और संयुक्त परमार्थ सत्र हुए।19/07 को परामर्श पश्चात दोनो के मध्य लिखित समझौता हुआ जिसके अनुसार राजेंद्र का सुनीता को अपने साथ ले जाना तय हुआ। कुछ दिनों पश्चात वन स्टॉप सेंटर से फॉलोअप कॉल करने पर मालूम हुआ की सुनीता अभी भी मां बाप के साथ रह रही है।सुनीता और राजेंद्र को पुनः केंद्र पर बुलाया गया। समझौते के बाद पत्नी द्वारा राजेंद्र की मां को सौतेली कहने की बात पर दोनों में बहस हुई, और सुनीता ने साथ जाने से इंकार कर दिया। पति ने गुस्से में घर का सामान बेच दिया और दोनो की बातचीत बंद हो गई। फिर से दोनों की संयुक्त काउंसलिंग की गई,सुनीता को समझाया गया की वह छोटी मां , बड़ी मां कहकर संबोधित करे, राजेंद्र सोनाली को घर से रेडीमेड गारमेंट्स का काम करने देगा और जैसा सुनीता की इच्छा अनुसार कुछ बचत करने दे, पति बार बार शराब न पीये।सुनीता राजेंद्र की मां को अपशब्द न कहे। राजेंद्र को 15 दिन का समय दिया गया की गृहस्थी का जो सामान बेच दिया था उसमे जरूरी सामान की और किराए के कमरे की व्यवस्था करे 15 दिन बाद फिर बुलाया गया। दिनांक 24/08/ 21 को दोनो।पति पत्नी बच्चों के साथ आए और पुनः समझौता लिख कर बच्चों के साथ अपने नए घर रवाना हुए।