वन स्टॉप सेंटर पर त्वरित कार्यवाही कर आवेदन के कुछ ही घंटो में समझौता”

“वन स्टॉप सेंटर पर त्वरित कार्यवाही कर आवेदन के कुछ ही घंटो में समझौता”

जिला कार्यक्रम अधिकारी: डाॅ.सी. एल.पासी
प्रशासन : डाॅ. वंचना सिंह परिहार, परामर्शदात्री : सुश्री अल्का फणसे केस वर्कर : सुश्री शिवानी श्रीवास

ने जानकारी में बताया की  अंजली पति दिनेश दिनांक 23/8/21 को वन स्टॉप सेंटर पर शिकायत लेकर आई कि पति बहुत मारपीट करता है, प्रताड़ित करता है, शक करता है, जबरदस्ती संबंध बनाता है। उसकी गुहार थी की पति को समझाया जाय, परामर्श के लिए बुलाया जाए।
वह रोने लगी की पति आज मुझे मायके लेने आएगा और घर जाकर मारेगा, मुझे उसके साथ जाना है उसके साथ सुख से रहना है पर मुझसे अब और प्रताड़ना सहन नही होगी। आप मेरा घर भी और मुझे भी बचा लो।पूर्व-निर्धारित केसेस की व्यस्तता के बावजूद प्रशासक डॉ वंचना सिंह परिहार जी से चर्चा कर, उनकी सहमति से किसी तरह परामर्शदात्री अल्का फणसे द्वारा तत्काल दिनेश को बुलाया गया। उसे उसके व्यवहार के लिए फटकार लगाई गई, पत्नी के नाते और एक महिला होने के नाते उसे अंजली के कानूनी अधिकारों से अवगत करवाया गया और घरेलू हिंसा और जबरजस्ती संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आता है ये बताया गया। परामर्शदात्री ने उसे ये भी डांटा की उसके दुर्व्यवहार और नशे की लत के कारण दोनों बच्चों को जन्म से ही शारीरिक विकृति हो गई है जिसके लिए वह जिम्मेदार है , कम से कम अब उस गलती का प्रायश्चित करे और बच्चों पर ध्यान दे। किसी भी परिस्थिति में पत्नी को मारना या शारीरिक प्रताड़ना या जबरदस्ती न करे अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी। दिनेश की भी समस्या को सुना गया और अंजली जो पति को मां के घर पर रहने को बाध्य कर रही थी, उसे पति के साथ उसके घर रहने के लिए समझाइश दी गई। दिनेश की मां की देखभाल के लिए अंजली सहर्ष तैयार थी तो दिनेश को ८ दिन का समय दिया गया की मां को अपने साथ ही रखे जिससे मां के साथ रहने वाली भाभी पर शक करने से दोनों के संबंधों में और बैर न बढ़े।और भी कुछ शर्तों के साथ त्वरित लिखित समझौता कर दोनों साथ रवाना हुए और अंजली को आश्वासन दिया गया की आने वाले कुछ दिनों तक तुमसे फोन पर तुम्हारी खुशहाली पूछी जायेगी ताकि पति भी हाथ न उठाए और अगर कोई समस्या हो तो त्वरित कार्यवाही की जा सके। इस तरह कुछ ही घंटो में पेचीदा मामले का समाधान निकाला गया।