“समाज को बदलने का जज्बा रखने वाली लड़की का परिवार टूटते टूटते बचा”
मनीषा पति देवेंद्र ( परिवर्तित नाम) वन स्टॉप सेंटर पर दिनांक 28/07/2021 को आवेदन लेकर आई की उसे बहु का अधिकार नहीं मिलता, अपमानित किया जाता है, बड़े पापा का परिवार भी हमारे घर आकर मुझे ताने देता है और मेरे घर वाले उन्हे नहीं रोकते। इसलिए वो मायके आ गई, तब पति बच्चे को छीनकर ले गए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी: डाॅ.सी. एल.पासी
प्रशासन , डाॅ. वंचना सिंह परिहार
परामर्शदात्री , अल्का फणसे ,केस वर्कर : शिवानी श्रीवास ने उक्त जानकारी दी कि
प्रकरण न्यायालय में भी दाखिल किया गया था। दिनांक 16/8/2021 को सेंटर पर पति-पत्नी, ससुराल पक्ष से सास ससुर को बुलाया गया, फिर सभी के परामर्श सत्र लिए गए। उल्लेखनीय है की मनीषा समाज को बदलने का जज्बा रखने वाली लड़की है, वह चाहती थी की उसे परिवार में सम्मान मिले, अपना समझा जाए, उससे कोई गलती हो तो ताने न दिए जाएं,शहर में पलकर गांव में विवाह होने से समस्या आ रही थी। मनीषा चाहती थी कि उसे ही नहीं गांव की सभी बहुओं को सम्मान से रखा जाय। ससुराल पक्ष भी कह रहा था हम इसे पूरी छूट देते हैं, सूट पहनना, सर न ढकना, पर ये गुस्से की तेज़ है तो बहस हो जाती है और इस बार बात ज्यादा बिगड़ गई। मामला ज्यादा पेचिदा नहीं था, सभी को समझाइश दी गई, मनिषा को समझाया गया कि कुछ लड़ाईयां तलवार से नहीं प्यार से जीती जाती हैं, सास को भी समझाइश दी गई की बहु को प्यार से समझाएं तो वो आपकी हर बात रखेगी। इस तरह अन्ततः मनिषा ने न्यायालय से भी मामला वापस लेने की सहमति दिखाई और परिवार वालों को भी चेतावनी दी गई की भविष्य में बहु को प्रताड़ित न करें और किसी भी परिस्थिति में उसपर हाथ न उठाएं अन्यथा मनिषा फिर सेन्टर पर अपनी शिकायत लेकर आ सकती है।
पूरा परिवार सहर्ष वन स्टॉप सेंटर से साथ साथ अपने गांव रवाना हुआ।