रंगबिरंगे फूलो की मनोहारी छटा के बीच ‘लव यू जिंदगी’ में हुई अनेक दिलचस्प स्पर्धाएं

रंगबिरंगे फूलो की मनोहारी छटा के बीच ‘लव
यू जिंदगी’ में हुई अनेक दिलचस्प स्पर्धाएं


इंदौर, । चारों ओर रंग-बिरंगे फूलों की मनोहारी छटा के बीच अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति के महिला प्रकोष्ठ की लगभग 100 सखियों ने आज दोपहर करीब 3 घंटे तक न केवल फूलों का सान्निध्य प्राप्त किया बल्कि फूलों पर आधारित विभिन्न स्पर्धाओं में भी उत्साह के साथ भाग लेकर अनेक पुरस्कार भी जीते। ‘लव यू जिंदगी’ कार्यक्रम के तहत होटल मेरिएट के जोडिएक हॉल में हुए इस आयोजन में अनेक दिलचस्प नजारे भी देखने को मिले। सभी टेबलों के नाम भी फूलों पर आधारित थे और टीमों के नाम भी फूलों पर ही रखे गए थे। कुल 15 टीमों ने इन स्पर्धाओं में हिस्सा लिया।
महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष प्रतिभा मित्तल ने बताया कि इस दौरान कुल तीन स्पर्धाएं आयोजित की गई जिनमें फूलों की रानी, फूलों पर आधारित पेंटिंग एवं चित्रकला तथा ताजे फूलों से बुके बनाने की स्पर्धा इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रही। समूचे सभागृह को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया था। शुभारंभ मानसी मूंदड़ा के ‘लव यू जिंदगी’ थीम सांग के साथ हुआ जिस पर सभी सखियों ने एक साथ झूमते हुए नृत्य किया। इसके बाद तंबोला भी हुआ जिसमें आकर्षक पुरस्कार जीतने की होड़ लगी रही। पेंटिंग स्पर्धा फूलों के नाम पर हुई जिसमें कुल 15 टीमों ने भाग लिया। प्रत्येक टीम में 8-8 सखियां शामिल थीं।
कार्यक्रम के अगले चरण में निर्णायक मंडल की स्वप्ना तिवारी, मृगाक्षी सेठ पाटोदी, हेमलता कुमार एवं सुरूचि मल्होत्रा के मार्गदर्शन में स्पर्धाओं का श्रीगणेश हुआ। सबसे पहले फूलों पर आधारित पेंटिंग के विजेताओं के नामों की घोषणा की गई जिनमें सनफ्लावर टीम को राधा-कृष्ण के प्रेम पर आधारित चित्र के लिए, बोगनविला टीम को अमृत मंथन थीम के लिए और रोज टीम को वूमेन केयर थीम के लिए पुरस्कृत किया गया। फ्लोरल क्वीन तथा फूलों की रानी स्पर्धा के लिए गोपी बंसल प्रथम, सुरभि अग्रवाल प्रथम रनरअप और नेहा चौरसिया द्वितीय रनरअप घोषित किए गए। ताजे फूलों से बुके बनाने की स्पर्धा में प्रणीता बोराडे ने बाजी मारी, वहीं लकी ड्रा में वंदना रामचंदानी और नीलम देवडा विजेता रहे। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन किया रूचि मंगल और निकिता बंसल ने। तारा लाइफ स्टाईल, स्मॉल वंडर्स, लिंबोदिया फ्लावर डेकोरेटर्स और घमासान डॉट कॉम इस उत्सव के सहभागी रहे। इस दौरान सखियों के लिए उपयोगी राखी, ज्वेलरी, कास्मेटिक एवं अन्य सामग्रियों के पांच स्टॉल भी लगाए गए थे।
प्रारंभ में अध्यक्ष प्रतिभा मित्तल ने कहा कि लॉकडाउन के चलते हमारी सखियां लंबे अरसे तक घरों में इस तरह कैद होकर रह गई थी मानो किसी फूल को हमने कहीं बंद कर रख दिया हो। अब थोड़ा बहुत खुला माहौल मिला है तो यह उत्सव उनके नैसर्गिक सौंदर्य, प्रतिभा और विशिष्ट गुणों को मंच देने के लिए आयोजित किया गया है। अभी भी कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, तीसरी लहर की तलवार लटक रही है इसलिए हमें पूरी सावधानी बरतना होगी। जिन सखियों ने अब तक अपनी पात्रता के अनुसार टीके नहीं लगवाए हैं, वे जल्द से जल्द यह काम पूरा कर लें।