खजराना गणेश की राखी का इस बार संदेश, “चिंता क्यों करता है मैं हूं ना”

खजराना गणेश की राखी का इस बार संदेश,,,

“चिंता क्यों करता है मैं हूं ना”

भगवान का विराट स्वरूप भी विद्यमान होगा

इंदौर .  हर बार की तरह इस बार भी विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश को समर्पित की जाने वाली बड़ी राखी मानवजाति के लिए “तू चिंता मत कर,, मैं हूं ना” का संदेश देती होगी। अष्ट धातु से निर्मित यह राखी महाभारत युद्ध के पूर्व भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए संदेश को प्रसारित कर रही है।
इंदौर के जारी गोटा व्यवसायी पालरेचा परिवार द्वारा पिछले 18 वर्षों से इंदौर के खजराना गणेश जी को सतत बड़ी राखी रक्षाबंधन पर्व पर अर्पित की जाती है। हमेशा धार्मिक व सामाजिक संदेश देती राखी अर्पित करने का यह लगातार 19वां वर्ष है। इस बार राखी के माध्यम से कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित व तीसरी लहर आने की आशंका के बीच भगवान यह संदेश मानव को दे रहे हैं कि ,, तू चिंता मत कर, मैं हूं ना,,।
पालरेचा परिवार के शान्तु व पुण्डरीक पालरेचा ने इस प्रतिनिधि को बताया कि इस हर बार की तरह इस बार भी 40 बाय 40 की राखी के मध्य में भगवान के विराट स्वरूप को विराजित कर ,, कर्मण्येवाधिकारस्ते माँ फलेषु कदाचनम,, के साथ कुरुक्षेत्र में भगवान चिंता युक्त अर्जुन को यह संदेश दे रहे हैं कि,, तू चिता मत कर मैं हूं ना।भगवान का यही भाव कोरोना महामारी से निजात के लिए भी है कि ” मुझ पर भरोसा रख, चिंता मत कर मैं हूं ना। मुझ पर भरोसा रख मेरे नाम का सुमिरन कर सब ठीक होगा।
राखी की कल्पना को भगवान की प्रेरणा बताते हुए शान्तु व पुण्डरीक पालरेचा बताते हैं कि राखी निर्माण में परिवार के छोटे बड़े 15 सदस्यों ने अपना योगदान देकर करीब तीन माह में राखी का निर्माण किया है। इसमें अष्ट धातु का इस्तेमाल किया गया है। इसमें प्रयुक्त सामग्री अहमदाबाद, सूरत, जामनगर, दिल्ली व मुम्बई से लाई गई है।
पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी रक्षाबंधन 22 अगस्त को प्रातः खजराना गणेशजी को अभिषेक के पश्चात मंदिर के महंतों की सहायता से राखी पहनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि भगवान की कृपा व हमारे संकल्प को पिछले वर्ष ,, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड” भी प्राप्त हो वाहक है।