विचारों में श्रेष्ठता का सृजन संतों और गुरूओं के सान्निध्य में ही

विचारों में श्रेष्ठता का सृजन संतों और गुरूओं के सान्निध्य में ही

इंदौर, । किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके विचारों से होती है। विचारों में श्रेष्ठता का सृजन संतों और गुरूओं के सान्निध्य से ही हो सकता है। संसार नष्ट हो सकता है, महाप्रलय भी आ सकता है लेकिन परमात्मा का कभी अस्तित्व नष्ट नहीं होता। वेदांत एवं हमारे सभी धर्मग्रंथों में इस बात को जोर देकर कहा गया है कि विचारों की शक्ति सबसे अधिक होती है। ज्ञान ही वह तत्व है जो हमें सदमार्ग की ओर प्रवृत्त कर सकता है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि न्यास तीर्थ क्षेत्र के न्यासी एवं युगपुरूष स्वामी परमानंद गिरि महाराज ने आज खंडवा रोड स्थित अखंड परम धाम आश्रम पर आयोजित गुरू पूजा महोत्सव में आशीर्वचन देते हुए उक्त दिव्य विचार व्यक्त किए। सांसद शंकर लालवानी के आतिथ्य में दीप प्रज्जवलन के साथ महोत्सव का शुभारंभ हुआ। प्रारंभ में आश्रम प्रबंध समिति के अध्यक्ष किशनलाल पाहवा, सचिव राजेश अग्रवाल एवं समन्वयक विजय शादीजा, साध्वी चैतन्य सिंधु, विष्णु कटारिया, रामबाबू अग्रवाल, अमेरिका से आए अरूण पटेल, मुकेश राजानी, किशोर आर्य आदि ने उनका एवं हरिद्वार से आए महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरि का स्वागत किया। समन्वयक विजय शादीजा ने बताया कि स्वामी परमानंदजी के सान्निध्य में अखंड परम धाम पर 9 अगस्त से प्रतिदिन सुबह 8 से 10 एवं सांय 4 से 6 बजे तक प्रवचनों की अमृत वर्षा होगी। आज शुभारंभ समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरि ने भी संबोधित किया। गुरू पूजा का मुख्य महोत्सव 15 अगस्त को मनाया जाएगा।