सच्चा आनंद तो भगवान शिव की शरण में ही मिलेगा – पं. राहुल

सच्चा आनंद तो भगवान शिव की शरण में ही मिलेगा – पं. राहुल

इन्दौर। हम सब जीवनभर अंतिम क्षणों तक यही प्रयास करते हैं कि जीवन में कभी दुख आए ही नहीं। चींटी से लेकर देवता तक यही कामना रखते हैं। संसार का दूसरा नाम दुखालय है। माया दुखों का घर है। ओस के कण चाट लेने से प्यास तृप्त नहीं हो सकती। हीरा खरीदने के लिए सब्जीमंडी नहीं सराफा ही जाना पड़ेगा। सच्चा आनंद चाहिए तो भगवान शिव की शरण में ही जाना पड़ेगा।
विमानतल मार्ग स्थित श्री श्रीविद्याधाम पर संस्था श्री राजवंश के तत्वावधान में शिव महापुराण कथा के शुभारंभ सत्र में भागवताचार्य पं. राहुल कृष्ण शास्त्री ने उक्त दिव्य विचार व्यक्त किए। कथा का शुभारंभ आश्रम परिसर में निकली शिवपुराण की शोभायात्रा के साथ हुआ, जिसमें परंपरागत वाद्ययंत्रों की स्वरलहरियों पर थिरकते श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। आयोजन समिति की ओर से रामदुलारी विष्णुप्रसाद शुक्ला, राजेश्वरी श्यामप्रसाद तिवारी, नीता राजेंद्र शुक्ला, शुभम शुक्ला, दीपम शुक्ला एवं अन्य श्रद्धालुओं ने शिवपुराण का पूजन किया। व्यासपीठ पूजन के साथ शिवपुराण कथा का शुभारंभ हुआ।

।कथा के दौरान शिवलिंग पूजन विधि, भस्म एवं रूद्राक्ष महिमा, पार्वती जन्मोत्सव, शिव-पार्वती विवाह, कार्तिकेय जन्म प्रसंग, तुलसी-जालंधर कथा, शिवरात्रि व्रत कथा, जप का महात्यम सहित भगवान शिवाशिव की आराधना से जुड़े विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या होगी।
पं. शास्त्री ने कहा कि जैसे जहर या अमृत को धोखे से भी पी लें तो वे अपना असर करेंगे ही, वैसे ही शिव पुराण कथा भी अनचाहे भी श्रवण कर लेंगें तो मनुष्य का कल्याण अवश्य होगा। भगवान आनंदसिंधु हैं जो आनंद ही देते हैं। विडंबना यह है कि हम दुख मिटाने के साधनों में ही अपना सुख ढूंढ़तें हैं। जो आज सुख के साधन हैं, कल वही दुख के कारण बन जाते हैं।