जैन दर्शन एवं साहित्य को जन-जन तक पहंुचाने की जरूरत – प्रवीण ऋषि म.सा.

जैन दर्शन एवं साहित्य को जन-जन तक पहंुचाने की जरूरत – प्रवीण ऋषि म.सा.


इंदौर,  एरोड्रम रोड स्थित आनंद समवशरण, महावीर बाग में उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि म.सा. की निश्रा में चल रहे चातुर्मासिक अनुष्ठान में आनंद महोत्सव के दौरान आज देश के जाने-माने 11 मूर्धन्य विद्वानों का आॅनलाईन सम्मान किया गया। उपाध्यायश्री ने इस मौके पर कहा कि भगवान महावीर स्वामी के दर्शन, चिंतन एवं मंथन को जन-जन तक पहंुचाने में साहित्यकारों की वंदनीय भूमिका रही है। जैन साहित्य वैसे भी प्रारंभ से समृद्ध, संपन्न और समाज तथा राष्ट्र को नई दिशा और चेतना देने वाला रहा है। इसे जन-जन तक पहंुचाने की जरूरत है।
आज जिन विद्वानों को सम्मानित कर उन्हें प्रशस्ति पत्र, 11 हजार रू. की सम्मान निधि एवं साहित्य भेंट किए गए, उनमें जयपुर के डाॅ. धर्मचंद्र जैन, दिल्ली के डाॅ. वीरसागर जैन, पुणे की डाॅ. नलिनी जोशी, नागपुर के डाॅ. भागचंद जैन ‘भास्कर’, उदयपुर के प्रो. एन.एल. कछारा, चैन्नई की डाॅ. प्रियदर्शना जैन, दिल्ली के डाॅ. अनेकांत कुमार जैन, जोधपुर की डाॅ. श्वेता जैन, जयपुर के डाॅ. आनंद जैन तथा इंदौर के डाॅ. श्रेणिक बंडी एवं डाॅ. अनिल जैन शामिल हैं। प्रारंभ में कार्यक्रम संयोजक डाॅ. अनुपम जैन एवं डाॅ. तृप्ति जैन ने इन सभी विद्वानों का परिचय देते हुए इनके द्वारा रचित ग्रंथों, पुस्तकों एवं साहित्य के बारे में जानकारी दी। श्री वर्धमान स्थानकवासी श्वेतांबर जैन ट्रस्ट महावीर भवन की ओर से अचल चैधरी, रमेश भंडारी, जिनेश्वर जैन, प्रकाश भटेवरा, संतोष  जैन मामा, सुनीता छजलानी भी उपस्थित थे। उपाध्यायश्री ने सबके मंगलमय जीवन की कामनाएं भी समर्पित की।
पोस्टर का लोकार्पण – महावीर बाग में 8 अगस्त रविवार को 1.21 लाख सामायिक स्वाध्याय के विश्व कीर्तिमान के लिए शहर के जैन संगठनों के प्रतिनिधियों ने उपाध्यायश्री की निश्रा में प्रचार सामग्री एवं पोस्टर का लोकार्पण किया। इस अवसर पर अंशुल मंडलिक, गजेंद्र तांतेड़, राजेश भंडारी, राजेश जैन, अशोक मंडलिक, गजेंद्र बोडाना, जिनेश्वर जैन, गर्वित बोडाना उपस्थित थे। कार्यक्रम में नवकार महामंत्र के विश्व कीर्तिमान के सूत्रधार  विजय मेहता, किशोर पोरवाल, कांतिलाल बम, संतोष जैन मामा, शिखरचंद बाफना, मनोहर लोढा, नरेंद्र मेहता का श्री वर्धमान श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट की ओर से आभार व्यक्त करते हुए उनके योगदान की अनुमोदना भी की गई।