मुख्यमंत्री शिवराज जी ,कर्मचारियों के कपड़ों की बजाय उनकी न्यायोचित मांगो को देखते ? – नरेंद्र सलूजा

बेहतर होता प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज जी ,कर्मचारियों के कपड़ों की बजाय उनकी न्यायोचित मांगो को देखते ? – नरेंद्र सलूजा

भोपाल – मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि आज प्रदेश के कर्मचारीगण अपनी वर्षों पुरानी जायज मांगों को लेकर भरी बारिश में सड़कों पर उतरकर ,शिवराज सरकार को नींद से जगाने के लिए ,अर्धनग्न होकर प्रदर्शन कर रहे है लेकिन बड़े ही शर्म की बात है कि ख़ुद को संवेदनशील बताने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को कर्मचारियों का अर्धनग्न होकर किया गया प्रदर्शन ही दिखाई दिया , उन्हें उनकी जायज मांगे दिखाई नहीं दी ?
सलूजा ने कहा कि बेहतर होता मुख्यमंत्री शिवराज जी को कर्मचारियों के कपड़ों की बजाय उनकी जायज मांगे दिखाई देती ?
शिवराज जी को यह समझ लेना चाहिए कि आज कर्मचारियों की इस हालत के लिए सिर्फ और सिर्फ उनकी सरकार जिम्मेदार हैं ,जो कर्मचारियों को कमलनाथ सरकार द्वारा बढ़ाए हुए डीए का लाभ नहीं दे रही है ,उनके एरियर की राशि का भुगतान नहीं कर रही है ,उनको उनकी वेतन वृद्धि का ठीक ढंग से लाभ नहीं दे रही है और उनकी अन्य जायज मांगों पर कोई निर्णय नहीं ले रही है ?इसी कारण से कर्मचारियों को सड़कों पर उतर कर भारी बारिश में इस तरह के प्रदर्शन करना पड़ रहे हैं ?
एक तरफ तो वित्तीय संकट का हवाला देकर कर्मचारियों की जायज मांगों का निर्णय नहीं लिया जा रहा है और वहीं दूसरी तरफ़ प्रदेश के मंत्रियों के बंगलों की साज-सज्जा पर करोड़ों रुपए लुटाये जा रहे हैं ?

सलूजा ने बताया कि शिवराज सरकार तो चाहती है कि कर्मचारियों के तन से बाकी बचे कपड़े भी उतर जाएं और इसलिए वह कर्मचारियों के हितों में कोई फैसला नहीं ले रही है ? यदि प्रदेश में शिवराज सरकार और कुछ समय रही तो कर्मचारियों के बाकी बचे कपड़े भी उतरना तय है ?

सलूजा ने कहा कि जहां एक और कर्मचारी अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर परेशान हैं , सड़कों पर है और वहीं दूसरी ओर तबादलों के नाम पर मंत्रियों के बंगलों ,भाजपा कार्यालयो और वल्लभ भवन में उन्हें जमकर प्रताड़ित किया जा रहा है ,उनसे जमकर वसूली की जा रही है ?