दुनिया के बड़े देश हथियार बनाने में खर्च करने के बजाय दवाई बनाएं और भूख मिटाएं – प्रवीण ऋषि म सा

दुनिया के बड़े देश हथियार बनाने में खर्च करने
के बजाय दवाई बनाएं और भूख मिटाएं
प्रवीण ऋषि म.सा.

इंदौर, । दुनिया के बड़े देश निरंतर हथियार बनाने में जितना पैसा खर्च करते हैं, उतना पैसा यदि दवाईयां बनाने, भूख मिटाने और रेगिस्तान को नंदनवन बनाने में लगाएं तो तस्वीर बदल सकती है। हथियारों से हिंसा की प्रवृत्ति नारकीय है। हम अपने मन को देव बना सकते हैं, पर बनाते नहीं। सामायिक मन को स्थिर रखने की अपूर्व प्रक्रिया है जो दुख रूपी समुद्र से पार पहंुचने का सबसे सरल और श्रेष्ठ जहाज है।
ये दिव्य विचार हैं उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि म.सा. के, जो उन्होंने एरोड्रम रोड स्थित आनंद समवशरण, महावीर बाग में चातुर्मासिक धर्मसभा में आनंद जन्मोत्सव के दूसरे दिन धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। सभा में मालव केसरी सौभाग्यमल महाराज की पुण्यतिथि पर उपाध्यायश्री ने उन्हें सरलता और विनम्रता की प्रतिमूर्ति बताते हुए उनके गुणों को आत्मसात करने का आव्हान भी किया। उन्होंने 8 अगस्त को होने वाले 1.21 लाख सामायिक स्वाध्याय के दिव्य अनुष्ठान में जैन समाज के दिगंबर, श्वेतांबर, मंदिर मार्गी, तेरापंथी, स्थानकवासी सहित समग्र जैन समाज के जुड़ने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह आयोजन एकता की मिसाल साबित होगा।
सभा में 1.21 करोड़ नवकार जाप के दिव्य अनुष्ठान के सूत्रधार जैन श्वेतांबर सोशल ग्रुप्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर पोरवाल, संयोजक संतोष जैन मामा, संस्थापक अध्यक्ष विजय मेहता, संरक्षक कांतिलाल बम, शिखरचंद्र बाफना, मनोहर लोढा, नरेंद्र मेहता का श्री वर्धमान श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट की ओर से आभार व्यक्त करते हुए उनके प्रयासों की अनुमोदना की गई।
सामायिक के लिए बैठक – उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि म.सा के सान्निध्य में बैठक में बताया गया कि रविवार 8 अगस्त को होने वाले 1.21 लाख सामायिक स्वाध्याय के आयोजन में शहर के जानकी नगर, ग्रीन पार्क, महालक्ष्मीनगर, पोरवाल, तेरापंथी, एमआईजी, रतलाम कोठी, महावीर नगर, उषा नगर, द्वारकापुरी, जैन साधना भवन स्कीम 71, विंध्याचल नगर, अनुराग नगर, क्लर्क कालोनी सहित सभी प्रमुख जैन श्रीसंघ इस आयोजन में भागीदार रहेंगे। इसका संपूर्ण संयोजन म.प्र. स्वाध्याय संघ एवं श्री महावीर जैन स्वाध्याय शाला कर रहे हैं। नवकार परिवार, नवरत्न परिवार, अ.भा. श्वेतांबर जैन युवक महासंघ, जीतो, स्थानकवासी जैन युवा संघ, श्राविका संघ, जैन कांफ्रेंस, आनंद तीर्थ परिवार जैसी संस्थाएं इस आयोजन से जुड़ रही है। देश-विदेश में यह आॅनलाइन-आॅफलाइन आयोजन एक और विश्व कीर्तिमान बनाएगा। इसमें विभिन्न संगठनों की ओर से अंशुल मंडलिक, गजेंद्र तांतेड़, राजेश भंडारी, राजेश जैन, अशोक मंडलिक, गजेंद्र बोडाना, जिनेश्वर जैन, गर्वित बोडाना सहित अनेक समाजसेवी बंधुओं ने बैठक में अपने सुझाव और विचार रखे। धर्मसभा का संचालन हस्तीमल झेलावत ने किया।
उपाध्यायश्री ने कहा कि कोई अपराधी स्वयं चलकर जेल नहीं जाता। उसे तो पकड़कर ही जेल तक पहंुचाना पड़ता है। अन्यथा हम सब सजा से बचने के प्रयास में ही जुटे रहते हैं। नर्क में भी कोई व्यक्ति खुद चल कर नहीं जाता। जैन दर्शन में कोई यमदूत भी नहीं है, देवदूत भी नहीं है। हमारा दर्शन तो धर्मदूत का है।
आज दया दिवस – चातुर्मास के दौरान आचार्य भगवंत आनंद ऋषि के 121वें आनंद जन्मोत्सव के तहत 3 अगस्त को दया दिवस, 4 को एकासना दिवस, 5 को विद्वतजन सम्मान, 6 को मानव सेवा, 7 को आयम्बिल तप, 8 को एक लाख 8 हजार सामायिक एवं 9 अगस्त को गुणानुवाद सभा, 1008 नवाई उपवास तप, 1008 तेलातप पूर्णाहुति तथा तपस्वियांे का ऑनलाईन सम्मान होगा। चातुर्मास में कुल 14 शिविरों का आयोजन हो रहा है जिनका प्रतिदिन रात 9 से 10.30 बजे तक जूम एप पर ऑनलाईन प्रसारण भी होगा।