कांग्रेस ने गांधी परिवार को नकार दिया है- डॉ राजेश सोनकर

कांग्रेस ने गांधी परिवार को नकार दिया है- डॉ राजेश सोनकर
इंदौर । भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर ने बताया कि असंसदीय भाषा का प्रयोग कांग्रेस के नेताओं की संस्कृति बन गया है । कांग्रेस के नेता माननीय प्रधानमंत्री जी का विषय हो, माननीय मुख्यमंत्री जी का विषय हो या भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का विषय हो उनका अपमान करना और उनके प्रति अपमानजनक बातें करना दिग्विजय सिंह जी, कमलनाथ जी और चाहे जीतू पटवारी जी हों सभी नेताओं का एक शगल सा बन गया है।
कल पटवारी जी ने माननीय प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा जी के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया है मैं समझता हूं मध्य प्रदेश की राजनीति में इस प्रकार के शब्दों का कोई स्थान नहीं है लेकिन कांग्रेस के नेतागण अपनी आदत से मजबूर हैं । जब किसी व्यक्ति के पास कोई विषय नहीं होता है, कोई बात नहीं होती है, कोई शब्द शेष नहीं रह जाते हैं और शब्दों को विराम लग जाता है तब इस प्रकार के अपशब्द और गालियां निकालना शेष रह जाता है जैसे शब्दों का प्रयोग कल पटवारी जी ने किया है।
कमलनाथ जी के राजनीतिक अनुभव के विषय में पटवारी जी ने कहा कि कमलनाथ जी को वी डी शर्मा जी से अधिक राजनीतिक अनुभव है हम भी जानते हैं लेकिन कमल नाथ जी का अनुभव हमने बचपन में कविता सुनी है उसके जैसा है जैसे बड़ा हुआ सो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर कमलनाथ जी का राजनीतिक अनुभव बिल्कुल खजूर के पेड़ जैसा है जिससे प्रदेश की जनता को न तो छाँव की उम्मीद है और न ही फल की आस है तो ऐसा बड़ा होना किसी भी काम का नहीं है जिसका कोई फायदा प्रदेश की जनता को ना मिले।
पटवारी जी ने खुद स्वीकार किया है कि अब कांग्रेस में गांधी परिवार का कोई अस्तित्व नहीं बचा है क्योंकि जिस कांग्रेस में नगर निगम के चुनाव में पार्षद का प्रत्याशी कौन होगा यह भी दिल्ली का दरबार, राहुल गांधी जी और सोनिया गांधी जी तय करती थी उसी कांग्रेस में अगला चुनाव 2023 में कांग्रेस किसके नेतृत्व में लड़ेगी, कांग्रेस की सरकार में कौन मुख्यमंत्री बनेगा यह कांग्रेस का एक विधायक तय करता है।
 पटवारी जी ने यह बात सिद्ध कर दी है कि जिस प्रकार से इस देश की जनता ने गांधी परिवार को नकार दिया है उसी प्रकार से अब कांग्रेस ने भी गांधी परिवार को नकार दिया है । अब कांग्रेश के विधायक खुद तय कर रहे हैं कि हम किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाले हैं और अगला मुख्यमंत्री बहुमत आने पर कौन बनेगा।
मैं पटवारी जी को धन्यवाद देता हूँ उन्होंने इस हकीकत को स्वीकार किया  कि जिस प्रकार से अब देश की जनता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और गांधी परिवार से बाहर निकल कर सोच रही है उसी प्रकार से कांग्रेश में भी कहीं न कहीं यही सोच की आवश्यकता महसूस हो रही है ।