बाल अपराध निवारण एवं उनके संरक्षण हेतु 06 दिवस तक चलने वाली ऑनलाईन प्रशिक्षण श्रृंखला कार्यशाला का हुआ शुभारंभ

इंदौर- । -बाल अपराध निवारण, उनकी सुरक्षा व देखभाल तथा उनके बेहतर संरक्षण के उद्देश्य से शासन द्वारा विभिन्न कानूनी प्रावधान एवं योजनाएं संचालित की जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार, यूनिसेफ मध्यप्रदशे भोपाल के सहयोग से इन्दौर पुलिस द्वारा राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारियों, विवेचकों, जिले के विशेष पुलिस किशोर ईकाई, बाल कल्याण अधिकारीगण के लिये 6 दिनों तक चलने वाली प्रशिक्षण श्रंखला की ऑनलाईन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्धघाटन आज, पुलिस महानिरीक्षक इंदौर ज़ोन इन्दौर श्री हरिनारायण चारी मिश्र के विशेष मार्गदर्शन में पुलिस उप महानिरीक्षक शहर इंदौर श्री मनीष कपूरिया की अध्यक्षता में किया गया।

कार्यशाला मे डीआईजी इंदौर की विशेष उपस्थिति में पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) श्री अरविंद तिवारी, यूनिसेफ मध्य प्रदेश के बाल सुरक्षा विशेषज्ञ श्री लाॅलीचेन पी. जोसेफ, यूनिसेफ के प्रशिक्षक श्री अमरजीत कुमार सिंह, अति. पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमती मनीषा पाठक सोनी सहित अन्य राजपत्रित अधिकारीगण, थाना प्रभारीगण के साथ जिला इन्दौर के विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, तथा अन्य पुलिस के प्रशिक्षणार्थी अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

कार्यशाला शुरूआत करते हुए अति.पुलिस अधीक्षक मुख्यालय द्वारा कार्यशाला के विषय व रूपरेखा के बारें में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि, उक्त प्रशिक्षण श्रंखला के तहत दिनांक 06 जुलाई से 13 जुलाई 2021 तक प्रतिदिन एक -एक दिवस की ऑनलाईन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लगभग 600 से ज्यादा विवेचको को प्रशिक्षित किया जावेगा। उन्होनें
बच्चों के हितो के लिये कार्यरत् संस्थाओं व उनके लिए विभिन्न कानूनी प्रावधानों के बारें में परिचयात्मक जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर डीआईजी इंदौर द्वारा कहा कि किसी भी देश व समाज का भविष्य ये बच्चे ही है। वर्तमान परिदृश्य में समाज में जो भी विकृतियां आ रही है उनसे इन बच्चों को बचाते हुए, इनके हितों की रक्षा एवं इनका संरक्षण हम सभी का सर्वप्रथम नैतिक कर्तव्य हैं, जिसमें समाज के सभी वर्गो के साथ पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। बच्चें अपराधिक जगत में प्रवेश न करे व उनके साथ कोई अपराध हो तो पुलिस क्या करें व क्या नहीं, ये ही हमें इन बच्चों के लिये बनाये गये नये कानून सिखाते है। अतः हमें सर्वप्रथम बच्चों के संरक्षण के लिये, उनको पारिवारिक माहौल प्रदान कर, उनकी समस्याओं को सुनना व समझना है। उन्होने सभी प्रशिक्षकों को इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यशाला का पूरा लाभ लेते हुए, ध्यान व लगन के साथ सीखने के लिये प्रेरित किया गया।

उक्त 06 दिवसीय ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यशाला मे अतिथि विषय विशेषज्ञो द्वारा उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारियां प्रदान की जावेगी-
✓ बाल अधिकारों और उनके संरक्षण व बच्चों की सुरक्षा एवं देखभाल के लिये दिये गये विधिक प्रावधानों एवं सामुदायिक पुलिसिंग के तहत कार्यवाही के लिये, पुलिस अधिकारियों में इसके बारें में आवश्यक समझ एवं दृष्टिकोण का निर्माण।

✓ कानूनी प्रावधानों जेजे एक्ट, पोक्सो एक्ट, किशोर न्याय आदि की तकनीकी जानकारी।

✓ बाल अपराध को रोकने के लिये किये जाने वाले प्रभावी उपाय एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के पुनर्वास आदि के लिये किये जाने वाले प्रयासों।

✓ बाल भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम के साथ ही बाल विवाह की रोकथाम हेतु उठाये जाने वाले आवश्यक कदमों।

कार्यशाला का संचालन अति पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमती मनीषा पाठक सोनी द्वारा किया गया तथा उक्त सफल आयोजन के लिये सभी का आभार भी व्यक्त किया गया।