20 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास का आरंभ, 14 नवंबर तक बंद रहेंगे सभी शुभ कार्य

कोरोना के कारण पिछले साल और इस साल भी शादी-ब्याह और शुभ कार्य काफी प्रभावित हुए हैं. कोरोना का प्रभाव कम हुआ तो अब ग्रह नक्षत्र के कारण शुभ कार्य बंद हो जाएंगे. कोरोना के कारण मई-जून में जिन्हें शादियां टालनी पड़ीं उनके लिए जुलाई में छह दिन ही शुभ मुहूर्त शेष हैं. उसके बाद चातुर्मास शुरू हो जाएगा और चार महीने तक इंतजार करना पड़ेगा. जुलाई से नवंबर तक शादी के मुहूर्त नहीं रहेंगे. फिर 14 नवंबर से ही शादियां हो पाएंगी. आचार्य रामशंकर दुबे ने बताया कि चातुर्मास में शादी के अलावा जनेऊ, मुंंडन, गृहप्रवेश सहित सभी तरह के शुभ कार्य बन्द हो जाएंगे. दरअसल चातुर्मास विशेष रूप से देवताओं का शयनकाल होता है. 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाएंगे. 15 नवंबर को कार्तिक महीने की एकादशी पर जागेंगे. उस दिन देव प्रबोधिनी एकादशी पर्व होने के साथ ही शादियों की शुरुआत हो जाएगी. इस साल जुलाई में अब 7, 13 और 15 तारीख को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं. नवंबर में देव प्रबोधिनी के अबूझ मुहूर्त को मिलाकर 7 और दिसंबर के शुरुआती 15 दिनों में 6 शुभ मुहूर्त रहेंगे. इस तरह साल के आखिरी दो माह में शादियों के लिए कुल 13 दिन शुभ लग्न होंगे. 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में जाने से धनुर्मास शुरू होगा, जो 14 जनवरी 2022 को खत्म होगा. धनुर्मास में भी विवाह के मुहूर्त नहीं रहेंगे.