रतलाम। वर्ष 2025 के दौरान पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल में आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण और रेल परिचालन क्षमता वृद्धि के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की गई। मंडल ने माल एवं यात्री परिवहन को अधिक सुगम बनाने, समयपालन में सुधार लाने और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कई परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूर्ण किया।
पश्चिम रेलवे रतलाम मण्डल के जनसंपर्क अधिकारी श्री मुकेश कुमार द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार वर्ष 2025 में रतलाम मंडल द्वारा अर्जित महत्वपूर्ण उपलब्धियॉं निम्नानुसार है:-
इंजीनियरिंग एवं ट्रैक सुधार :
वर्ष 2025 में रतलाम मंडल ने रेल परिचालन क्षमता बढ़ाने हेतु डबल लाइन एवं नई लाइन परियोजनाओं को पूर्ण किया। दलौदा–ढोढर खंड (20.073 किमी) का दोहरीकरण 30 जुलाई 2025 को और बरायला चौरासी–ढोढर खंड (25.074 किमी) का दोहरीकरण 31 मई 2025 को सफलता पूर्वक कमीशन किया गया। इसके अतिरिक्त दाहोद में 9000 एचपी इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव निर्माण इकाई के द्वितीय चरण का कार्य जून 2025 में पूरा हुआ।
दाहोद–इंदौर नई ब्रॉड गेज रेल लाइन परियोजना (204.76 किमी) पर कार्य तीव्र गति से जारी है। यह परियोजना गुजरात एवं मध्य प्रदेश के बीच सीधा रेल संपर्क स्थापित करेगी और इंदौर, धार एवं झाबुआ जिलों सहित जनजातीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। परियोजना में कुल 22 स्टेशन शामिल हैं और इसकी कुल स्वीकृत लागत ₹1,873.10 करोड़ है। वर्तमान में इंदौर–टीही (21 किमी) एवं दाहोद–कटवारा (11.30 किमी) खंड का कार्य पूर्ण होकर कमीशन किया जा चुका है। टीही–धार खंड में ट्रैक लिंकिंग एवं वेल्डिंग कार्य प्रगति पर है ।
मुख्य लाइनों पर कुल 65.787 रूट किलोमीटर की सेक्शनल स्पीड 110 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाई गई, जबकि 115.61 रूट किलोमीटर लूप लाइनों की गति में भी वृद्धि की गई। सुरक्षा उपायों के अंतर्गत मंडल में 10 मानवयुक्त समपार फाटक बंद किए गए, 16 लिमिटेड हाइट सबवे निर्मित किए गए । रेलपथ एवं यार्ड सुधार में 16 यार्डों का उन्नयन, 29 टर्नआउट्स की डीप स्क्रीनिंग, 61, 52 वेल्डेबल क्रॉसिंग, 58 थ्रू टर्नआउट नवीनीकरण, 29.71 किमी पीक्यूआरएस मशीन और 257.37 किमी टी एफ आर कार्य सफलतापूर्वक किए गए। पुलों की संरक्षा हेतु 25 पुलों पर आरसीसी बॉक्स प्रतिस्थापन और 10 पुलों पर स्टील गर्डर के स्थान पर आरसीसी/पीएससी संरचना स्थापित की गई।
यात्री एवं स्टाफ सुविधाओं के अंतर्गत 78 नए आवासीय क्वार्टर, 4 ओवरहेड टैंक, 4 नए फुट ओवर ब्रिज, 3 हाई-लेवल प्लेटफॉर्म और 18 टूल्स-कम-रेस्ट रूम का निर्माण किया गया। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत , लिमखेड़ा, खाचरोद एवं चंदेरिया में नए स्टेशन भवन और देवास स्टेशन पर व्यापक नवीनीकरण कार्य संपन्न किए गए।
सिग्नलिंग एवं सुरक्षा:
सिग्नलिंग क्षेत्र में वर्ष 2025 में कई महत्वपूर्ण कार्य हुए। टीसीएएस/कवच (ट्रेन टक्कर निरोधक प्रणाली) के अंतर्गत नागदा–गोधरा खंड में 232.9 किमी की लोको ट्रायल सफलतापूर्वक संपन्न की गई, जिसे ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली के साथ संचालित किया गया। गोधरा–नागदा खंड के कंसुधी–मंगलमहुड़ी और बजरंगगढ़–नागदा सेक्शन में 150.96 रूट किलोमीटर पर ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली का कमीशन किया गया।
सिग्नलिंग प्रणाली की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए 10 स्टेशनों (मल्हारगढ़, बोलाई, कालीसिंध, जावरा, ढोढर, कचनारा रोड, दालौदा, लिमखेड़ा, उज्जैन जंक्शन एवं उज्जैन कैबिन) पर पैनल इंटरलॉकिंग को हटाकर आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली स्थापित की गई। नागदा–उज्जैन खंड के उन्हेल और असलौदा स्टेशनों पर स्टैंबाय ई.आई. को हटाकर क्योसन निर्मित स्टैंडबाय ई आई प्रणाली चालू की गई। सिग्नल साईटिंग कमेटी की अनुशंसा के अनुसार इस वर्ष 20 दाईं ओर स्थित संकेतों को बाईं ओर स्थानांतरित किया गया और शेष संकेतों को भी चरणबद्ध रूप से स्थानांतरित करने की संभावनाओं का परीक्षण किया जा रहा है।
कोचिंग डिपो एवं मेंटेनेंस सुविधाएँ :
वर्ष 2025 में में इंदौर और डॉ. आंबेडकर नगर डिपो में महत्वपूर्ण उन्नयन कार्य किए गए। इंदौर डिपो में मेकेनाइज्ड लॉन्ड्री मशीन और सहायक उपकरण स्थापित किए गए, जिससे दैनिक 2 टन तक वॉशिंग क्षमता बढ़ी, लिनन की गुणवत्ता सुधरी और टर्नअराउंड समय घटा। डॉ. आंबेडकर नगर डिपो में मेमू और ट्रेन सेट रेक्स के रखरखाव हेतु पिट लाइनों का विद्युतीकरण किया गया। इसके साथ ही इंदौर और डॉ. आंबेडकर नगर के सिक लाइनों में अतिरिक्त पिट सुविधाएं निर्मित की गईं, जिससे मेंटेनेंस क्षमता में वृद्धि, कोच उपलब्धता में सुधार और सिक कोचों के रोकने का समय कम हुआ।
विद्युत विभाग
विद्युत विभाग द्वारा ऊर्जा संरक्षण, संरक्षा, यात्री सुविधा एवं नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की गई हैं। एम.डी.डी.टी.आई. (MDDTI) रतलाम भवन को फरवरी 2025 में BEE शून्य प्लस लेबल प्राप्त हुआ है। मंडल में 338 KWp क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर वर्ष 2024-25 में लगभग ₹10.42 करोड़ की बिजली बचत की गई। इसके अतिरिक्त 669 स्टाफ क्वार्टर्स में कॉपर वायरिंग, 28 ऊर्जा दक्ष पंपों की स्थापना एवं 4 स्टेशनों पर विद्युत सुरक्षा ऑडिट किया गया, साथ ही इस अवधि में कोई विद्युत या अग्नि दुर्घटना नहीं हुई।
यात्री सुविधाओं के अंतर्गत 5 स्टेशनों पर फसाड लाइटिंग, नागदा स्टेशन पर एलईडी नेम बोर्ड, 186 एसी की स्थापना एवं अंडरग्राउंड केबलिंग की गई। इंदौर/डॉ. अंबेडकर नगर कोचिंग डिपो में इन-हाउस पावर कार लोड टेस्टिंग सुविधा विकसित कर रख-रखाव एवं दक्षता में सुधार किया गया।
वर्ष 2025 में रतलाम मंंडल की उपलब्धियों की बात करें तो मंडल के सभी विभागों द्वारा सराहनीय उपलब्धियॉं अर्जित की है।

