सेवा परमो धर्म – स्वैच्छिक सेवा दिवस पर कड़ी मेहनत और समर्पण की प्रेरणा एवं सम्मान

रतलाम । अंतरराष्ट्रीय स्वैच्छिक सेवा दिवस 5 दिसम्बर को समाज में स्वैच्छिक सेवा हेतु जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। आनंद विभाग जिला समन्वयक सीमा अग्निहोत्री ने बताया कि कार्यस्थल पर पूर्ण समर्पण, सकारात्मकता एवं तनाव प्रबंधन हेतु विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में संलग्न बी एल ओ और सुपरवाइजर हेतु कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आत्मिक संवाद कार्यक्रम सुपरवाइजर को अपने कार्य में प्रेरित करेगा और उन्हें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ आनंदित रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
कार्यक्रम का प्रारंभ धर्मा कोठारी द्वारा गाई प्रार्थना गीत से किया गया। मुख्य अतिथि डॉ सुलोचना शर्मा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र के नागरिक के लिए राष्ट्र सेवा सर्वोपरि होती है क्योंकि राष्ट्र के बिना हमारा अस्तित्व ही नहीं है इसलिए जो जहां पर है वह अपना कर्तव्य पूर्ण ईमानदारी से करें, यही राष्ट्र सेवा है। आनंदक गिरीश सारस्वत ने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि अपने कार्य को पूर्ण समर्पण और ईमानदारी से करें। आपका यह कार्य न केवल मतदाता सूची को अद्यतन करने में मदद करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि हमारे देश के नागरिकों को अपने मताधिकार का उपयोग करने का अवसर मिले।
सभी बी एल ओ ने अपने सुपरवाइजर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की, बीएलओ ने समर्पण और कड़ी मेहनत से कार्य संपन्न कर पाए। परिवारिक एवं स्नेह,सम्मान के इस कार्यक्रम में कभी जिले में सबसे पहले कार्य करने के लिए तालियां बजी तो कभी 1400 से अधिक मतदाता वाली सूची के कार्य पूर्ण करने के लिए तालियां बजी। कर्मचारियों ने अपने फील्ड के अनुभव भी बताएं कि किस परिस्थितियों का उनको सामना करना पड़ा और उन्होंने कहा कि इस काम को करने से हमारे अंदर आत्मविश्वास की वृद्धि हुई है। कार्यक्रम में 56 कर्मचारी सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर शत प्रतिशत कार्य संपन्न करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र अग्निहोत्री ने किया । आनंद विभाग की मास्टर ट्रेनर मधु परिहार ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि टीम भावना ही सफलता की कुंजी है।