गुरुओं के स्मरण मात्र से जीवन पावन बन जाता है : डॉ संयमलता म सा

मुमुक्षु बहन शीतल सोलंकी का निकला भव्य वरघोड़ा

रतलाम 2 नवम्बर । गुरू भगवंतों का स्मरण करने मात्र से जीवन पावन बन जाता है। जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा. एवं मालव रत्न कस्तूरचंद म सा  के जीवन प्रसंगों की चर्चा करते हुए दक्षिण चन्द्रिका जैन दिवाकरीय डॉ संयमलता म सा ने कहा।
पूज्य गुरुदेव जैन दिवाकर जगत वल्लभ चौथमल म सा की 148 वी जन्म जयंती एवं मालव रत्न ज्योतिषाचार्य कस्तूरचंद म सा की 120 वी दीक्षा जयंती के अवसर पर जैन दिवाकर स्मारक सागोद रोड मोहन बगिया मे गुरु गुणगान समारोह का आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर आपने कहा की  चौथमलजी म.सा. के नीमच में जन्म लेने के बाद स्कूली शिक्षा ग्रहण पूरी कर बाद में पूज्य हीरालाल म.सा. के सानिध्य पाने के प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि हीरे की परख जौहरी ही कर सकता है। इसके साथ साथ आपने जैन दिवाकर जी के शादी ओर संयम यात्रा के बारे मे विस्तृत बताया । आपने कहा की जिसको वैराग्य चढ़ता हो उसको किसी का डर नही रहता । इस अवसर पर डॉ अमितप्रज्ञा म सा ने भी दोनो गुरुओं के जीवन ओर संयम यात्रा पर सार गर्भित प्रवचन दिए । समारोह मे साध्वी डॉ कमलप्रज्ञा म सा ओर साध्वी सौरभ प्रज्ञा म सा ने गीतों के माध्यम से दोनो गुरुदेवो को भावांजलि दी ।
श्रीसंघ मीडिया प्रभारी नीलेश बाफना ने बताया की समारोह के पूर्व प्रातः मुमुक्षु बहन शीतल सोलंकी का वरघोड़ा कार्यक्रम के लाभार्थी मांगीलाल मोहनबाई कटारिया परिवार के राजेंद्र, सुरेश, विजय, राजेश, विनोद कटारिया परिवार के निवास स्थान पैलेस रोड से निकला जो नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए नीमचौक स्थानक पर पाट दर्शन के बाद समापन हुआ ।
समारोह को श्रीसंघ अध्यक्ष अजय खीमेसरा ने सम्बोधित करते हुए कहा की पूज्य गुरुदेव की जन्म जयंती ओर दीक्षा जयंती बड़े हर्षोल्लास से मना रहे है । चातुर्मास मे पूज्य महासतिया जी की प्रेरणा से सभी कार्यक्रम हर काम सवाया हुआ । यह गुरुदेवो की पुण्यायी से हुआ है, इस चातुर्मास मे सभी परिवारों ने सहयोग दिया उन सब का बहुत बहुत धन्यवाद । यह चातुर्मास ऐतिहासिक हुए उस के लिए सभी मंडलो का सहयोग भी सराहनीय रहा ।
समारोह को श्रीसंघ के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कटारिया ने स्वागत भाषण दिया  वरिष्ठ सलाहकार महेन्द्र बोथरा महेंद्र बोथरा ने अपने उद्बोधन में कहा  की इस चातुर्मास मे समाज जनो को एक सूत्र मे बाँधने का काम हुआ जो सराहनीय है । हम फिर से वर्ष 2030 मे पुनः पूज्य महासतियाजी के चातुर्मास रतलाम करने की विनती करते है । साथ ही आपने बताया कि वर्ष 2026 हेतु श्रीसंघ को पूज्याश्री प्रफुल्लाजी मसा आदि ठाणा 05 का चातुर्मास प्राप्त हुआ है। धर्मसभा को विनोद बाफना, अमृत कटारिया, गजेंद्र चांडालिया सूरत, सुजानमल कोचट्टा जावरा ने भी सम्बोधित करते हुए इस ऐतिहासिक आराधनामय चातुर्मास की बधाई दी ।  महामंत्री विनोद कटारिया ने आभार व्यक्त किया।
समारोह मे मुमुक्षु बहन शीतल सोलंकी का बहुमान श्री संघ के साथ साथ त्रिस्तुतीक श्री संघ, तेरापंथ श्री संघ, कटारिया फ़ाउंडेशन, जैन दिवाकर नवयुवक मंडल, महिला मंडल, बहु मंडल, बालिका मंडल ने किया । समारोह मे सूरत के शांति भवन श्री संघ से आये श्रावको ने पूज्य महासतिया जी के वर्ष 2026 के चातुर्मास की पुरजोर विनती करते सभी वरिष्ठ गुरुओं के आज्ञा पत्र लेकर विनती करी जिसको पूज्य महासतिया जी द्वारा स्वीकार करने हुए अपने आगामी चातुर्मास वर्ष 2026 की सूरत नगर मे करने की घोसणा की । कार्यक्रम मे सूरत श्री संघ के साथ साथ जावरा, उदयपुर, मुंबई, चित्तौरगढ़, आदि जगह से श्रावक दर्शनार्थ पहुचे थे ।
कार्यक्रम को सफल बनाने मे इन्दरमल जैन,  मणि लाल कटारिया, ललित पटवा, जयंतीलाल  डाँगी, विनोद बाफना, आशीष कटारिया, वीरेंद्र कटारिया, अरिहंत बोराना, रीना गाँधी, ऋतु कटारिया, समता पितलिया, प्रवीणा भटेवरा, मोनिका मेहता, राजकुमारी पोखरना, कुसुम भटेवरा, साधना श्रीश्रीमाल सुहानी पटवा, भूमि गाँधी, रक्षिता पटवा, लक्ष्य कटारिया, श्रेयांस बाफना, शुभ बोराणा आदि का सहयोग सराहनीय रहा । कार्यक्रम् मे आभार श्रीसंघ महामंत्री विनोद कटारिया ने माना ।