“बाल संस्कार शिविर में मुनि श्री सद्भाव सागर जी ने बच्चों को कर्म सिद्धांत समझाया”

रतलाम। 3 अक्टुबर 2025 शुक्रवार को श्रुति संवर्धन वर्षा योग 2025, आचार्य 108 विशुद्ध सागर जी म.सा. के शिष्य मुनि श्री 108 सद्भाव सागर जी म.सा. एवं क्षुल्लक 105 श्री परम योग सागर जी म.सा. द्वारा लोकेंद्र भवन मे पाट पर विराजित है।
तीसरे दिन बाल संस्कार शिक्षण शिविर 20 25 आओ सीखे दिनेश जैनिज्म का शुभारंभ भगवान महावीर स्वामी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन मुख्य अतिथि मनीष जैन तहसीलदार एवं एडवोकेट सुनील जैन द्वारा किया गया तत्पश्चात समिति द्वारा सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत मोतियों की माला, दुपट्टा व पगड़ी पहनकर किया गया। मुख्य अतिथियों ने महाराज श्री के चरणों में श्रीफल रखा।
बाल संस्कार शिक्षण शिविर आओ सीखे जैनिज्म में श्री श्री 108 मुनि श्री सद्भाव सागर जी मसा. ने बच्चों को कर्म के बारे में समझाया और बताया कि जिसके द्वारा आत्मा बंधन में बांधती है उसे कम कहते हैं आत्मा और मुद्गल (सूक्ष्म कणो) के मिलने से कम का बंधन होता है। जो संसार को बांधकर रखना है वह कम है कर्म 8 प्रकार के होते हैं ज्ञानवर्णीय कर्म, दर्शनवर्णीय कर्म, वेदनीय कर्म, मोहिनीय कर्म, आयुष्य कर्म, नाम कर्म, गोत्र कर्म,अंतराय कर्म के बारे में समझाया और बताया कि कर्म अजीव है,मनुष्य सजीव है। जब जीव और कर्म मिलते हैं तो गति बनती है गति तीन प्रकार की होती है मनुष्य गति, देव गति और तिर्यांच गति अगर अच्छे कर्म करते हैं तो देवगति मिलती है उसमें सारी चीज ऑटोमेटिक मिल जाती है। देवगति में कुछ भी करना नहीं पड़ता। मनुष्य गति में तुम लोग हो इसमें मुनि,साध्वी बन सकते हो। और जो गलत काम करता है चोरी करता है झूठ बोलता है उसे तिर्यंच गति प्राप्त होती है मतलब वह जानवर बन जाता है इसीलिए हमेशा अच्छे काम करना चाहिए कि मनुष्य से देवता बन सके। इसीलिए आज तुमको एक नियम दिलाते हैं कि जब तक शिविर में रहोगे मोबाइल में कोई भी हिंसक गेमस् नहीं खेलोगे। कर्म बंधन का कारण राग, द्वेष, असंयम, मिथ्या, अश्रद्धा, कषाय, प्रमाद है। इन सबको भी महाराज साहब ने सरलतम भाषा में बच्चों को समझाया।
आज का स्वल्पाहार श्री ओम जी अग्रवाल , पुरस्कार वितरण सुरेश जैन परिवार, प्रश्नोत्तरी एवं खेल डॉ पदम घाटे द्वारा शिविर बच्चों को प्रोत्साहित करने हेतु योगदान दिया गया।
श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन श्रावक संघ, श्री विद्या सिंधु महिला मंडल श्री विमल सन्मति युवा मंच एवं सकल दिगंबर जैन समाज के पदाधिकारी एवं सदस्य बड़ी संख्या में कथा का श्रवण कर रहे हैं उक्त जानकारी चंद्रप्रभ दिगंबर जैन श्रावक संघ संयोजक मांगीलाल जैन ने दी।