युवा तपस्वी जयेश चौपड़ा ने 31 उपवास की कठोर तपस्या पूर्ण की

श्री संघ ने अभिनंदन पत्र भेंटकर किया बहुमान

रतलाम। आचार्य प्रवर पूज्य श्री उमेशमुनिजी म. सा. के सुशिष्य धर्मदास गणनायक प्रवर्तक पूज्य श्री जिनेंद्रमुनिजी म. सा. तथा मुनिमंडल एवं पुण्य पुंज साध्वी श्री पुण्यशीलाजी म. सा. व साध्वी मंडल के सानिध्य में गुरु समर्पण वर्षावास में त्याग – तपस्याओं का दौर चल रहा है। श्रावक – श्राविकाएं उत्साहपूर्वक समस्त आराधनाओं में बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। यहां अणु मित्र मंडल के सक्रिय सदस्य युवा तपस्वी जयेश चौपड़ा ने 31 उपवास की कठोर तपस्या पूर्ण की। श्री संघ के प्रचार सचिव ललित कोठारी ने बताया कि तपस्वी ने अपने जीवन का यह दूसरा मासक्षमण तप पूर्ण किया। पूर्व में अणु वत्स श्री संयतमुनिजी म. सा. के वर्षावास में मासक्षमण की तपस्या की थी। तपस्वी जयेश श्री धर्मदास जैन श्री संघ के सह कोषाध्यक्ष राजेंद्र चौपड़ा के सुपुत्र है। डीपी परिसर पर प्रवर्तक श्री जिनेंद्रमुनिजी म. सा. ने तपस्वी व तपस्वी के परिवार को खूब खूब धन्यवाद दिया। आयोजित धर्मसभा में श्री धर्मदास जैन श्री संघ द्वारा तपस्वियों का बहुमान किया गया। श्री संघ की ओर से कई आराधकों ने विभिन्न तप की बोली लेकर तपस्वी का शाॅल ओढा़कर माला पहनाकर बहुमान किया। श्री संघ द्वारा समस्त तपस्वी का गणनायक गौरव गाथा परिसर पर अभिनंदन पत्र व भेंट देकर अभिनंदन किया गया।