पत्रकारों का हित और संरक्षण ही सर्वोपरि – जोशी

मध्यप्रदेश में पहली बार महाराष्ट्र की पत्रकार अधिमान्यता समिति की बैठक

इंदौर। महाराष्ट्र राज्य पत्रकार अधिमान्यता समिति की दो दिवसीय बैठक शनिवार को होटल शेरेटन ग्रैंड में शुरू हुई। मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार महाराष्ट्र की पत्रकारों के संरक्षण और हितों के लिए कार्यरत सर्वोच्च समिति की यह बैठक पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की पावन भूमि हो रही है। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष यदु जोशी ने की। इस अवसर पर महाराष्ट्र के जनसंपर्क विभाग के आला अधिकारी उपस्थित थे।
समिति के अध्यक्ष श्री जोशी ने बताया कि इंदौर से महाराष्ट्र का खास आत्मीयता का नाता है। मराठी भाषा के लोगों की तादाद अधिक है। महाराष्ट्र में समिति के मार्फत अब तक 3500 से अधिक पत्रकारों को अधिमान्यता प्रदान कर कार्ड का वितरण किया गया। महाराष्ट्र सरकार पत्रकारों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वन कर रही है। समिति का कार्य अधिमान्यता पाने के लिए किए आवेदनों पर बारीकी से विचार कर उसे मान्यता प्रदान करना होता है। अधिक से अधिक पत्रकारों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले , इसके लिए समिति प्रयासरत रहती है।
श्री जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो दिन पहले ही मुंबई में पत्रकारों के संगठनों के साथ बैठक कर पेंशन, स्वास्थ्य सहित विभिन्न मांगों को हल करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बैठक लेने का एक कारण यह भी है कि मध्यप्रदेश सरकार स्थानीय पत्रकारों के लिए मार्गदर्शक और लाभकारी योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं का अध्ययन करने के लिए पांच सदस्यीय समिति ने बैठक के पूर्व भोपाल का दौरा किया था। मध्यप्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग ने सहयोग कर समिति को कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और उन्हें योजनाओं से संबंधित दस्तावेज और जीआर की प्रति भी उपलब्ध करवाई। अध्ययन समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
बैठक के पहले दिन महाराष्ट्र के मुंबई, नागपुर, पुणे, संभाजी नगर, कोल्हापुर, लातूर, कोंकण, नाशिक, अमरावती ऐसे 9 संभागों से प्राप्त 120 आवेदनों का निपटारा किया। समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से 93 आवेदनों को मंजूर किया और 27 आवेदन नामंजूर किए गए।
इस अवसर पर समिति के सदस्य प्रदीप मैत्र, उदय तानपाठक, एस एम देशमुख, दिलीप सपाटे, कृष्णा शेवडीकर, प्रकाश कुलथे, किरण नाइक, नंदकुमार पाटील, स्वप्निल बापट, महेश तिवारी, संजय देशमुख, उनमेश पवार, जाह्नवी पाटील, सविता हरकरे, नवनाथ दिघे, नेहा पुरव, जयेश सामंत, शिवराज काटकर, राजेश मालकर, संजय मलमे, संजय पितले, शांतनु दोइफोडे, जनसंपर्क विभाग के संचालक डा गणेश मुले, किशोर गांगुर्डे, उपसंचालक डा किरण मोघे, सुरेखा मुले, वर्षा पाटोले, अनिल अलूरकर उपस्थित थे।
दोपहर के सत्र में महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में विशेष भूमिका निभाने वाले रणनीतिकार डा निशांत खरे ने सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि वह दिन लद गए जब चुनाव माहौल पर लड़ा जाता था। चुनाव साइंटिफिक तरीके से लड़ा जाता है, जहां डेटा साइंस महत्व अधिक है। आपके पास डेटा होने के बाद उसे धरातल पर उतारना आवश्यक होता है।