- कांग्रेस ने धरना एवं प्रदर्शन कर दिया ज्ञापन
- विधायक तथा महापौर के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
रतलाम। कांग्रेस ने बढा हुआ संपत्ति कर की वसूली के विरोध में महापौर तथा विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया और ज्ञापन दिया । उपस्थित सैकड़ो जनता तथा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा की नगर निगम द्वारा रहवासी तथा व्यवसायिक भवन तथा भूखंड मालिकों से संपत्ति कर में 5 साल की बढ़ोतरी तथा उस पर अधिभार वसूली नगर निगम अधिनियम के विपरीत तथा गैर कानूनी है । जनता बढ़ा हुआ संपत्ति कर जमा नहीं करें । अगर निगम संपत्ति कर की पुरानी राशि नहीं लेती है , लेने से इंकार करती है , तो कांग्रेस नेताओं से संपर्क करें ।
शहर कांग्रेस तथा कांग्रेस पार्षद दल के तत्वाधान में बढ़ा हुआ संपत्ति कर के खिलाफ कांग्रेस ने धरना आयोजित कर प्रदर्शन किया । विधायक और महापौर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और नगर निगम कमिश्नर पांडे को ज्ञापन दिया । ज्ञापन में कहा गया कि अधिनियम की धारा 143 के तहत संपत्ति कर में बढ़ोतरी के आधार एवं सप्रमाण कारण सहित धारा 146 में भवन मालिकों को सूचना पत्र देना जरूरी है , यदि सूचना पत्र नहीं दिया गया तो नगर निगम वसूली नहीं कर सकता ।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा मौखिक बढ़ी हुई राशि बता कर वसूली की जा रही है , तथा न देने पर उन्हें धौस दी जा रही है । सारी प्रक्रिया में नगर निगम अधिनियम की धारा 143, 145 ,146,147, 148 और 149 का पालन नहीं किया गया । तथा राजपत्र क्र 46 दिनांक 13 नंबर 2020 में अधिभार वसूली का उल्लेख नहीं होने के बाद भी उसे वसूल किया जा रहा है तथा उल्लेख के बाद भी सूचना पत्र नहीं दिए गए ।
ज्ञापन के दौरान कमिश्नर ने कहा कि दस हजार सूचना पत्र जारी किए गए हैं , तो पूर्व विधायक पारस सकलेचा तथा नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा ने आपत्ति लेते कहा कि यह असत्य है । एक भी भवन मालिक को बढे हुए संपत्ति कर के लिए सूचना पत्र नहीं दिया गया है । ज्ञापन का वाचन पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने किया ।
ज्ञापन में कहा गया कि पुनर्निर्धारण एवं मूल्यांकन करने की प्रक्रिया के पहले आम जनता को सूचित करना जरूरी था , तथा जनता को आपत्ति लेने का अवसर देना था । जो नहीं दिया गया । भवन मालिकों को बढ़े हुए संपत्ति कर के खिलाफ मेयर इन काउंसिल में अपील करने का भी अवसर नहीं दिया गया । और इस कारण वह जिला न्यायालय में वाद भी दायर नहीं कर सकता हैं । सारी प्रक्रिया नगर निगम अधिनियम के उपबंधों के विपरीत है । नगर निगम आयुक्त संपत्ति कर की वसूली के समय अर्द्ध न्यायिक अधिकारी के रूप में काम करता है , उसका कर्तव्य है कि वह भवन मालिकों को आपत्ति लेने और न्याय प्राप्त करने का उचित अवसर प्रदान करें ।
ज्ञापन में नगर निगम को चेतावनी देते हुए कहा गया कि अवैध तथा गैर कानूनी वसूली निरस्त की जाए । यदि इसे निरस्त नहीं किया तो सड़कों पर जमकर जन आंदोलन किया जाएगा । जिसकी सारी जिम्मेदारी विधायक , महापौर तथा निगम प्रशासन की होगी ।
इस अवसर पर नगर निगम पार्षद दल उपनेता कमरुद्दीन कछवाय, कार्यवाहक अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह अठाना, राजीव रावत, सैयद वुसत ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बसंत पंड्या, वीरेंद्र प्रताप सिंह, प्रवक्ता जोएब आरिफ, वरिष्ठ पार्षद वहीद शैरानी, नासिर कुरेशी, सलीम भगवान, केसर बाई, किशन भगिनामा, कविता महावर, हितेश पेमाल, भावना पेमाल, सोनू व्यास, इक्का बेलूत, इकरार चौधरी, रशीद अंसारी, रमेश शर्मा, डॉक्टर मुस्तफा, राजेश प्रजापत, अन्नू धभाई, रुखसाना खान, राजकुमार जैन लाला, सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे ।