इन्दौर 8 फरवरी । बालिका देश का भविष्य है, इनके भविष्य को संवारना समाज और माता-पिता की जिम्मेदारी है। कम उम्र में शादी कर बेटी का जीवन बर्बाद ना करें। यह बात संयुक्त कलेक्टर सुश्री रोशनी वर्धमान ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एलएटीवी एजुकेशनल अकैडमी देव गुराडिया में आयोजित बाल-विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत कार्यशाला एवं शपथ समारोह में कही। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री रामनिवास बुधौलिया ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि बेटियों को पढ़ना और उनके भविष्य को संवारना हमारी जिम्मेदारी है। बेटी पढ़ेंगी नहीं तो आगे कैसे बढ़ेगी। उसके भविष्य के सपनों को संवारने का काम माता-पिता कर सकते हैं। खेलने-कूदने पढ़ लिखकर आत्मनिर्भर बनने की उम्र में बच्चों का विवाह करना कानूनन अपराध है। बाल विवाह विरोधी उड़न दस्ता कोर ग्रुप के श्री महेंद्र पाठक ने उपस्थित सेवा प्रदाताओं, अभिभावकों और व्यापारियों को बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी एवं अधिनियम के तहत की जाने वाली कार्रवाई तथा बाल-विवाह रोकथाम को लेकर किए जाने वाले प्रयास की जानकारी दी।
कार्यशाला को विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती शुभा रंजन चटर्जी, संस्था अध्यक्ष श्री अरुण अग्रवाल, सचिव श्री सतीश गुप्ता और उप प्राचार्य श्रीमती सारिका शर्मा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कोर ग्रुप के श्री देवेंद्र कुमार पाठक, श्री शैलेश शर्मा, राजस्व निरीक्षक श्री कैलाश चौधरी, पटवारी श्री विजय शर्मा, श्री बालेश्वर चौधरी, शिक्षक श्री रजत तिवारी, श्री इमेनू अरम सोनी, श्री भारत रैदास और विभाग के श्री अविनाश यादव भरी उपस्थित थे। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बुधौलिया ने उपस्थित समुदाय को बाल-विवाह रोकथाम को लेकर शपथ दिलाई।