सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण किया गया
रतलाम । सिविल सर्जन डॉ. एम.एस. सागर जिला रतलाम की अध्यक्षता में बाल मृत्यु समीक्षा एम सी एच अस्पताल में बैठक आयोजित की गई। बैठक में नोडल अधिकारी एम.सी.एच. डॉ. आर.सी. डामोर, प्रभारी अधिकारी आई.पी.यू. डॉ. ए.पी. सिंह, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वर्षा कुरील, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अजहर अली, स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं अन्य चिकित्सक व प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर्स उपस्थित रही। समीक्षा के दौरान डॉ. सागर द्वारा एस.एन.सी.यू. के वर्ष 2024 के भर्ती एवं मृत्यू आकडे देखे गये , जिसमें उनके द्वारा माह जुलाई से पूर्व जो मृत्यू आकडे 13 प्रतिशत से 18 प्रतिशत थे , जिसको ध्यान में रखते हुए डॉ. सागर द्वारा एस.एन.सी.यू. की कमान डॉक्टर ए.पी. सिंह वरिष्ठ शिशुरोग विशेषज्ञ को सौंप दी थी । डॉ. सिंह के निरन्तर कडी मेहनत एवं प्रोटोकॉल आधारित सेवाओं की मॉनिटरिंग के कारण वही आकडे माह जुलाई 2024 से निरन्तर कम होते हुए 5 प्रतिशत से 6 प्रतिशत तक हो गये है। बैठक के दौरान जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं से रेफर होकर आने वाली प्रसुताओं एवं नवजात शिशुओं के सबंध में सुधारात्मक कार्यवाही के निर्देश दिये गये। बैठक के दौरान निर्देशित किया गया कि जो नवजात शिशु मृत्यु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं अथवा सेवा प्रदाताओं की लापरवाही के कारण हुई है , उसके संबंध में संबंधी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए उनके विषय में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
बैठक के पूर्व सिविल सर्जन डॉक्टर एस सागर द्वारा जिला चिकित्सालय के कक्ष क्रमांक 1 में डीपीएम डॉक्टर अजहर अली, सहायक अस्पताल प्रबंधक डॉक्टर शिवम श्रीवास्तव , लेखापाल श्रीमती भारती बैरागी , सौरभ देवड़ा, सहित अन्य विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण करने हेतु निर्देशित किया गया। डॉ एम एस सागर ने स्वयं शिकायतकर्ताओं से चर्चा की एवं शिकायतों का निराकरण कराया। इस क्रम में एमसीएच अस्पताल में डॉ. सागर, द्वारा डॉ. ए.पी. सिंह एवं डॉ. डामोर के साथ जन्म मृत्यु कार्यालय का निरीक्षण किया गया । उनके द्वारा शिकायतकर्ता श्री राणजी कटारा के पुत्र के बच्चे का प्रमाण-पत्र नही मिलने के संबंध में सीएम हेल्पलाईन पर शिकायत दर्ज करवाई गई थी। उक्त शिकायत में डॉ. सागर द्वारा जन्म मृत्यु शाखा में स्वयं उपस्थित रहकर शिकायतकर्ता की शिकायत का निराकरण करवाया , साथ ही शिकायत को संतुष्टिपूर्वक बंद भी करवाया गया।