लेखक -कुमार सीद्धार्थ
पिछले दिनों 23 दिसंबर 2024 को परिवार के साथ बडौदा के पास स्थिति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का भ्रमण करने का अवसर मिल पाया था। इस यात्रा का सबसे बड़ा आकर्षण देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा – स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने का था। यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है और इसे देखने का अवसर अनोखा अनुभव रहा।
निर्माण की अद्भुत प्रक्रिया
यह प्रतिमा नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट टापू पर स्थित है। इसे 45 महीनों में 24,000 टन लोहे का उपयोग करके बनाया गया। 20,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली इस संरचना को बनाने में 2989 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसमें चार धातुओं – तांबा, जिंक, लेड और टिन – का उपयोग किया गया है, जिससे यह हजारों सालों तक सुरक्षित रहेगी।
तकनीकी विशेषताएं
मूर्ति के पैरों में हाई-स्पीड लिफ्ट लगाई गई हैं, जो पर्यटकों को 400 फीट की ऊंचाई पर लेकर जाती हैं। इन लिफ्टों में से प्रत्येक 30 सेकंड में 26 लोगों को ऊपर ले जा सकती है। मूर्ति के सीने तक पहुंचने के बाद सरदार सरोवर बांध और आसपास के इलाकों का अद्भुत नज़ारा देखा जा सकता है।
आदिवासी विस्थापन और मुआवजा
इस क्षेत्र में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण और उसके आसपास के होटल, सफारी पार्क, कैक्टस गार्डन, और अन्य पर्यटक सुविधाओं के लिए लगभग 5,000 आदिवासी समुदायों को विस्थापित किया गया। विस्थापित परिवारों को मुआवजा दिया गया, लेकिन कई लोगों में इस प्रक्रिया को लेकर असंतोष रहा।
शिल्पकार का योगदान
इस भव्य प्रतिमा को पद्मभूषण से सम्मानित 92 वर्षीय शिल्पकार राम वी. सुतार ने डिज़ाइन किया। उन्होंने महात्मा गांधी की संसद भवन परिसर में स्थित 17 फीट ऊंची प्रतिमा सहित सैकड़ों प्रतिमाएं बनाई हैं। उनके अनुसार, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में सरदार पटेल के ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्वरूप को सटीक रूप से उकेरा गया है। प्रतिमा में सरदार पटेल को पारंपरिक परिधान में और चलने की मुद्रा में दिखाया गया है।
रखरखाव और पर्यटन
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के रखरखाव और संचालन पर अगले 15 वर्षों तक सालाना 43.8 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, यानी प्रति दिन लगभग 12 लाख रुपये। यह प्रतिमा 60 मंजिला इमारत के बराबर है और हर साल यहां 20 से 25 लाख पर्यटक आते हैं।
अन्य आकर्षण
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में अनेक गतिविधियां और स्थल दर्शनीय हैं:
* आरोग्य वन (17 एकड़ में फैला)।
* एकता मॉल, चिल्ड्रन न्यूट्रीशन पार्क, और एकता नर्सरी।
* जंगल सफारी, जो सात भागों में विभाजित है और कुल 375 एकड़ क्षेत्र में फैला है।
* वैली ऑफ फ्लावर, सरदार पटेल मेमोरियल, म्यूजियम और ऑडियो-विजुअल गैलरी।
* प्रतिमा में लेजर लाइट शो की भी व्यवस्था है, जो दिन-रात इसकी भव्यता को बढ़ाता है।
यात्रा का अनुभव
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हफ्ते के हर दिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। एंट्री टिकट के साथ पर्यटक न केवल प्रतिमा बल्कि इसके आसपास के क्षेत्र का भी आनंद ले सकते हैं। यहां का प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समन्वय हर दृष्टि से अनोखा और प्रेरणादायक लगा।
यह यात्रा न केवल सरदार पटेल के योगदान को समझने का अवसर थी, बल्कि भारत की इंजीनियरिंग और शिल्प कौशल के प्रति गर्व का अनुभव भी कराया।