सफलता की कहानी : आजीविका मिशन ने दी कुसुम को समृद्धि की नई दिशा

रतलाम 15 जनवरी 2025/ मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन रतलाम जिले में सैकड़ो गरीब परिवारों को आर्थिक समृद्धि की और ले जाने में सफल हुआ है, खासतौर पर मिशन और समूह में जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से न केवल स्वयं सशक्त बनी है बल्कि अपने परिवार का मजबूत आर्थिक सहारा बनी है। रतलाम जिले के जावरा जनपद मुख्यालय से लगभग 3 किलोमीटर दूर ग्राम बोरदा की संतोषकुंवर की जिंदगी में भी आर्थिक रूप से बड़ा बदलाव आया है। संतोष वर्ष 2016 में ग्रामीण आजीवीका मिशन के अंतर्गत बने महिला स्वयं सहायता समूह में जुड़ी थी।
मिशन के अंतर्गत जुड़कर संतोष ने महिलाओं के साथ मिलकर अपना ज्योति आजीविका स्वयं सहायतासमूह बनाया। अन्य महिलाओं के साथ-साथ संतोष ने भी छोटी-छोटी बचत की, इसके बाद मिशन से उसको ऋण राशि भी प्राप्त हो गई। एकत्र राशि से संतोष ने अपने घर पर आलू की चिप्स तथा अन्य नमकीन बनाने का कार्य शुरू किया क्योंकि उसके पति शुरू से गांव की होटल पर नमकीन बनाया करते थे अतः यह कार्य घर में करना सुविधाजनक लगा। पति की मदद मिली, संतोष ने आलू की चिप्स और मूंगफली के दाने, चिवड़ा, केले की चिप्स इत्यादि बनाने का काम शुरूकर दिया। आलू की चिप्स बनाने के लिए जावरा मंडी से प्रतिदिन सुबह जाकर आलू ले आते हैं। आलू की चिप्स और नमकीन की बिक्री लोकल गांव के अलावा जावरा और अन्य आसपास के क्षेत्र में भी की जाती है। थोक के ऑर्डर भी ले लेते हैं।
यहीं से संतोष के घर के आर्थिक हालात बदलने शुरू हो गए। शासन की मदद सकारात्मक दृष्टिकोण और मेहनत से व्यवसाय सफलता की ओर बढ़ता गया। पहले जहां घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी, अब अच्छे स्तर तक सुधरती चली गई। पहले जहां पति को होटल पर नमकीन बनाने के लिए महीने में मुश्किल से 4 से 5 हजार रूपए मिल पाते थे वहीं अब सीजन में 25 से 30 हजार रूपए और गैरसीजन में 15 से 20 हजार रूपए प्रतिमाह संतोष द्वारा आमदनी अर्जित की जाती है, इससे उनकी दोनों बेटियां भी अच्छे स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं। घर के आर्थिक हालात सुधरे हैं, किचन में खाद्य सामग्री का स्तर भी सुधर गया है। घर वालों को अच्छा न्यूट्रिशन मिल रहा है। संतोष तथा उसका परिवार अपनी बेहतर आर्थिक स्थिति के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद देता है।