यज्ञ नारायण की आरती में कई समाज एवं सामाजिक संस्थाओं के सदस्य हो रहे सम्मिलित
रतलाम 26 दिसम्बर । यज्ञ भगवान का स्वरूप है, मानव जन्म धारण होने पर ही मानव मात्र पर तीन ऋण होते है । अत: हमारे प्राचीन महर्षियों ने इन ऋणी मुक्ति के साधन बताए है । पितृ ऋण संतान प्राप्ति से, ऋषि ऋण संतान विद्यावान बने व देव ऋण मुक्ति का साधन यज्ञ है । इससे पर्यावरण शुद्ध होकर महामारी किटाणु का विनाश होता है । यह हमारी सनातन धर्म की यतो धमर्:, ततोजय: सिद्धांत है । उक्त बात आचार्य श्री पं. दुर्गाशंकर ओझा ने त्रिवेणी तट पर सनातन धर्म सभा एवं महारूद्र यज्ञ समिति के बैनर तले चल रहे महारूद्र यज्ञ में कहीं ।
71 वें महारूद्र यज्ञ में गुरूवार को 21 भूदेवों के द्वारा मंत्रोच्चार से लघु रूद्र यज्ञ की आहूतियाँ मुख्य यजमान श्रीमती प्रेमलता संजय दवे दम्पत्ति द्वारा दी जा रही है तथा $आरती कर यज्ञ नारायण की मुख्य यजमान एवं भूदेवों सहित उपस्थित धर्मालुजनों द्वारा परिक्रमा की गई । पश्चात प्रसादी वितरण की गई ।
71 वे महारुद्र यज्ञ में आज आयोजन समिति की और से यज्ञ नारायण की आरती में आमंत्रित समाज में खंडेलवाल समाज से मुरली खंडेलवाल, पाटीदार समाज से ईश्वर लाल पाटिदार, कायस्थ समाज से नीरज सक्सेना एडवोकेट, मेवाड़ा स्वर्णकार समाज से कृष्णा सोनी, प्रजापति समाज से तेजराम प्रजापत, लायंस क्लब से योगेन्द्र रुनवाल आदि ने समाज बंधुओ एवं मातृशक्ति के साथ उपस्थित होकर यज्ञ नारायण की आरती कर प्रसाद ग्रहण किया ।
आरती पश्चात आमंत्रित सभी सनातन समाज बंधुओं का श्री सनातन धर्म महासभा एवं महारुद्र यज्ञ आयोजन समिति की और से अध्यक्ष अनिल झालानी, उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र शर्मा, महामंत्री नवनीत सोनी, राजेश दवे, रामचन्द्र शर्मा, बंशीलाल शर्मा, रमेश व्यास, कपुर सोनी, कैलाश झालानी, अविनाश व्यास, सुरेश दवे, सत्यदीप भट्ट, सतीश भारतीय, चेतन शर्मा, बसंत पंड्या आदि द्वारा दुपट्टा पहना कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन जनक नागल ने किया तथा आभार अध्यक्ष अनिल झालानी ने व्यक्त किया ।
निराश्रितों को कराया जा रहा है प्रतिदिन भोजन
पं. रामचन्द्र जी डोंगरे महाराज की स्मृति में संचालित श्री बद्री नारायण सेवा ट्रस्ट द्वारा अन्न क्षैत्र में प्रतिदिन निराश्रितो को भोजन कराया जा रहा है । इसके अन्तर्गत आज की भोजन प्रसादी राजेश जी दवे एवं रतनलाल जी मिस्त्री परिवार की ओर से करवाई गई । इस अवसर पर डॉ. राजेन्द्र शर्मा, नवनीत सोनी, मनोज शर्मा, नारायण राठौड़, सतीश राठौड़, सुरेश मजावदिया, सतीश भारतीय आदि उपस्थित थे।