शक्ति की आराधना में हजारों बालिकाओं ने किया महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र पाठ का वाचन
– युवाओं ने किया कन्याओं का पाद-पूजन, पारंपरिक परिधान में शामिल हुई एक हजार बालिकाएं
– श्रीराम राज्याभिषेक नाटक हुआ मंचित, राधा-कृष्ण के नृत्य ने मोहा सभी लोगों का मन, महाराष्ट्र के गोंधल नृत्य ने जमाया रंग, मंच पर विराजित 101 कन्याओं ने सभी का ध्यानाकर्षण किया
– शंखनाद की ध्वनि व वैदिक मंत्रोउच्चार की गूंज से गूंज उठा लालबाग परिसर, हजारों की संख्या में स्कूली छात्राओं के साथ ही मठ-मंदिरों व जाति-बिरादरी की कन्याएं भी हुई शामिल
– 21 हजार कन्याओं ने किया सामूहिक महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र पाठ का वाचन, 1 हजार कन्याओं का युवाओं ने किया पाद-पूजन
इन्दौर । लालबाग पैलेस का परिसर शंखनाद की ध्वनि व वैदिक मंत्रोउच्चार की गूंज से गूंज उठा। जहां हजारों कन्याओं ने पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होकर जब महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ किया तो हर कोई इस नारी शक्ति के कार्यक्रम को देखता रह गया। परिसर में उपस्थित हजारों की संख्या में लोगों ने जहां एक ओर कन्याओं का उत्साह बढ़ाया तो वहीं दुसरी तरफ मंच पर अलग-अलग नृत्यों के समूह ने अपनी विशेष प्रस्तुतियां देकर लोगों की खूब तालियां बटोरी। महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र पाठ के पूर्व श्रीराम राज्याभिषेक नाटक भी मंचित किया गया वहीं इसके साथ ही राधा-कृष्ण के नृत्य ने भी सभी का मन मोह लिया। महाराष्ट्र के गोंधल नृत्य की प्रस्तुति ने भी सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। सामूहिक महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र पाठ का वाचन भी कन्याओं के साथ आयोजन स्थल पर उपस्थित प्रत्येक व्यक्तियों व मातृशक्तियों द्वारा किया गया। हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान प्रचार प्रमुख जवाहर मंगवानी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरूआत कन्याओं व अतिथियों के स्वागत से की गई। इसके पश्चात शहर की चारों दिशाओं से आए अलग-अलग डांस ग्रुप ने अपनी विशेष प्रस्तुतियां देकर लोगों की खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंदजी महाराज (उज्जैन चारधाम मंदिर), विनोद अग्रवाल (चेयरमेन), गुणवंतसिंह कोठारी (राष्ट्रीय संयोजक), विनोद बिड़ला (सचिव एचएसएसएफ) एवं विनीता धर्म (महिला समन्वयक) थी। कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर की। इसके पश्चात चेयरमेन विनोद अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि आज के समय में युवाओं को किसी भी कन्या को मां, बहन व बेटी के नजरिए से देखना चाहिए। हम सभी को मां से ही सब कुछ प्राप्त होता है मां, बहन, बेटी में दुर्गा, लक्ष्मी व सरस्वती का वास होता है। यह तीनों ही आवश्यकता पढऩे पर दुष्टों का नाश भी कर सकती हैं। उन्होंने पांच दिवसीय सेवा मेले पर कहा कि यह सेवा और संस्कारों के मिलन का सेवा मेला है। यहां संस्कार, संस्कृति व सभ्यता का समागम सभी को देखने को मिलेगा। वहीं इसके पश्चात अन्य अतिथियों ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथियों द्वारा भारत बोध प्रतियोगिता पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सांसद शंकर लालवानी, पं. योगेंद्र महंत (पूर्व राज्यमंत्री), पवन सिंघानिया, पुष्पेंद्र धनोतिया, विष्णु बिंदल, बालकिशन छाबछरिया, मुरारकाजी, प्रकाश अग्रवाल, जगदीश गोयल (बाबाश्री), श्रीमती सरयू वाघमारे, पार्षद कंचन गिदवानी, मनजीत गर्ग, पूजा खण्डेलवाल, राकेश दुबे, राकेश राठौर, सुरेश बिजोलिया, शैलेष वर्मा, विनोद पोद्दार, सुरेश वर्मा, जगदीश खत्री, शेखर वर्मा सहित शहर के सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक पार्टी से जुड़े गणमान्य नागरिकों के साथ ही हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मंजूशा जौहरी, संध्या चौकसे एवं दिव्यांशी शर्मा ने किया एवं आभार राधेश्याम शर्मा व विनोद बिड़ला ने माना।
21 हजार कन्याओं ने किया महिषासुर मर्दिनी का पाठ – अनूप शुक्ला एवं दीपक जैन ने बताया कि लालबाग पैलेस में रविवार को शाम 4 बजे से अलग-अलग क्षेत्रों से बसों के माध्यम से कन्याओं का जुटना शुरू हो चुका था। कार्यक्रम के शुभारंभ में श्रीराम राज्याभिषेक नाटक का मंचन किया गया जिसमें कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया। वहीं इसके पश्चात अलग-अलग नृत्य समूहों ने नृत्य की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में 21 हजार कन्याओं ने साधु-संतों के सान्निध्य एवं विद्वान पंडि़तों के निर्देशन में सामूहिक रूप से महिषासुर मर्दिनी पाठ का वाचन किया। जब एक साथ 21 हजार कन्याओं ने पाठ का वाचन करना शुरू किया तो संपूर्ण माहौल भक्तिमय हो गया।
युवाओं ने 1000 कन्याओं का किया पाद-पूजन, उतारी आरती, लिया आशीर्वाद – चंद्रमोहन दुबे एवं सरस्वती पेंढ़ारकर ने बताया कि मातृशक्ति को समर्पित कार्यक्रम में एक हजार कन्याओं का पाद-पूजन का कार्यक्रम भी आयोजित हुआ। विद्वान पंडि़तों के निर्देशन में वैदिक मंत्रोउच्चार के बीच युवाओं ने जब छोटी-छोटी कन्याओं का पाद-पूजन किया तो वहां उपस्थित हर कोई इस नजारे को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करता हुआ दिखा। युवाओं ने मंत्रोउच्चार के बीच कन्याओं के पैरों का पूजन कर उनकी आरती उतारी। आरती के साथ ही सभी ने कन्याओं का आशीर्वाद लिया और उनकी रक्षा करने का वचन भी दिया।
देवियों के नामों का उल्लेख, भगवा ध्वजों से पटा मार्ग – कपिल पुरोहित एवं आरती दुबे ने बताया कि नारी शक्ति का जय घोष मानो कह रहा हो कि अब दौर बदलने वाला है वक्त बदलने वाला है। भगवा ध्वजों से पटे मार्ग और कार्यक्रम स्थल पर शक्ति के सभी नामों का उल्लेख माहौल को नारी के रूपों से परिचय करा रहा था। नारी शक्ति को समर्पित इस कार्यक्रम में सभी देवीयों का स्वरूप देखने को मिला व आयोजन स्थल पर जगह-जगह अलग-अलग देवियों के नामों का उल्लेख भी किया गया। आयोजन स्थल के बाहर शेलपुत्री, स्कन्दमाता, महागौरी, सिद्धिदात्री, कुषमाण्डा, कात्यायनी, कालरात्रि, जय अम्बे, चामुंडा, महिषासुर मर्दिनी, हिंगलाज भवानी, शाकम्मभरी, नैनादेवी, विंध्यावासिनी माता के नाम लिखी तख्तियां भी पूरे परिसर में लगाई गई थी। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संयोजन कपिल पुरोहिता एवं आरती दुबे द्वारा किया गया।
रंगोली से दिया एकता का सन्देश – आयोजन की भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आयोजन स्थल के प्रमुख मार्ग को आकर्षक स्वरूप दिया गया था साथ ही आयोजन स्थल पर पहुंचने वाले मुख्य मार्ग को भी भगवा ध्वज से सजाया गया।कलाकारों ने 7 घंटे लगातार मेहनत कर पूरे परिसर को रंगोलियो से सजाया। आर्टिस्ट छाया मलमकर, चंचला-रमेश पुणेकर ने स्वच्छ इंदौर, सँस्कारित इंदौर का सन्देश देते हुए 30 बाय 16 फिट की भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर की मनमोहक रंगोली बनाई। रंगोली में एकता की मिसाल का सन्देश देते हुए उसमे शंक, चक्र, गदा, गो पद्म, कमल और कालका माता का स्वरूप भी बनाया गया… जो यहां आने वाले दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी।
कन्याओं को बसो से लाने-ले जाने की व्यवस्था- पंकज फतेहचंदानी ने बताया कि रविवार को लालबाग पैलेस में आयोजित हुए कार्यक्रम में दोपहर 2 बजे से स्कूलों की बसों का आगमन आयोजन स्थल पर हो चुका था। यहां से सभी स्कूलों की बसें कन्याओं को अलग-अलग क्षेत्रों में लेने पहुंची। शहर की चारों दिशाओं से ग्रुप में आई इन कन्याओं की सारी व्यवस्था समिति द्वारा नि:शुल्क की गई थी। सभी कन्याओं को आयोजन स्थल पर लाने के साथ ही घर तक छोडऩे की जवाबदारी भी थी। जिसमें सभी कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम खत्म होने के पश्चात सभी कन्याओं को बसों से अपने गंतव्य के लिए रवाना किया।