24 नंवबर को महूनाका स्थित लालबाग में होगा अनूठा आयोजन

24 नंवबर को महूनाका स्थित लालबाग में होगा अनूठा आयोजन

1000 कन्याओं के पूजन के साथ 25 हजार बालिकाएं करेंगी महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ

– 100 कन्याएं मंच पर शस्त्र व शास्त्र के साथ दिखेंगी, आयोजन के लिए पूरे शहर से 25 हजार बालिकाओं का पंजीयन किया गया

– एचएसएसएफ के सदस्यों द्वारा तकरीबन 25 हजार पुस्तकें महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत पाठ की घर-घर पहुंचाई, संस्थान द्वारा स्त्रोत पाठ पर बनाए गए आडियो और वीडियों को भी लाखो लोग कर रहे श्रवण

इंदौर । हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान इन्दौर द्वारा आयोजित सेवा मेले में पांच दिवसीय विभिन्न आयोजनों की धूम मचेगी। युवा शक्ति में जहां श्रेष्ठ चारित्रिक जीवन मूल्यों का विकास किया जाएगा, वहीं बच्चों के मन में संस्कार, सभ्यता का बीजारोपण भी किया जाएगा। 1000 कन्याओं के पूजन के साथ 25000 बालिकाओं द्वारा महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ माहौल को आध्यात्मिकता से भर देगा। आयोजन स्थल पर साधु-संतों के सान्निध्य में कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगी। मंच पर 100 कन्याओं के बैठने की भी विशेष व्यवस्था की गई है।

पृथ्वी की उत्पत्ति से लेकर संस्कार, शिक्षा और समृद्धि में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। हर शुभ कार्य के पहले मां की आराधना के साथ शक्ति को प्रथम पूज्य माना गया है। 28 नवंबर से 2 दिसंबर तक लालबाग परिसर में आयोजित होने वाले सेवा मेले के पूर्व एचएसएसएफ संस्थान ने अपने पहले चरण में जहां पूरे शहर में सामूहिक कन्या पूजन का आयोजन किया तो वहीं अब द्वितीय चरण में महूनाका स्थित लालबाग पैलेस में एक साथ जहां 1000 कन्याओं का पूजन होगा तो वहीं 25,000 बालिकाओं द्वारा महिषासुर मर्दिनी स्रोत का पाठ कर युवा शक्ति के अचेतन मन को नकारात्मकता से मुक्त करते हुए उनमें अपनों से बड़ों, मातृशक्ति, प्रकृति और राष्ट्र के प्रति सम्मान और जवाबदारी का भाव विकसित किया जाएगा।

हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउण्डेशन राष्ट्रीय संयोजक गुणवंतसिंह कोठारी, इंदौर चेयरमेन विनोद अग्रवाल (अग्रवाल ग्रुप), इंदौर अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा (गुरूजी ठंडाई)ने बताया कि पाश्चात्य जीवन शैली से प्रभावित होकर दिगभ्रमित हो रही युवा शक्ति का अपनी सांस्कृतिक विरासत से परिचय कराने और उसे संरक्षित एवं अक्षुण्ण बनाए रखने की प्रेरणा देने के साथ युवा शक्ति में श्रेष्ठ चारित्रिक जीवन मूल्यों का विकास किए जाने को लेकर संस्था कार्य कर रही है। नारी शक्ति को समर्पित सेवा मेले में प्रतीकों पर आधारित नवीन वैज्ञानिक पद्धति द्वारा युवा शक्ति के चिंतन तथा जीवन शैली में व्यापक परिवर्तन हेतु प्रशिक्षित किया जाएगा और जवाबदारी का भाव विकसित किया जाएगा। पांच दिवसीय सेवा मेले में विभिन्न तरह के आयोजन 3 सत्रों में आयोजित किए जाएंगे। एचएसएसएफ के सचिव विनोद बिड़ला, सहसचिव चंद्रमोहन दुबे के अनुसार युवाओ में भारतीय परंपरा व संस्कृति को सहेजने तथा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संरक्षण के प्रति सजग रहने का भाव निहित है। जिसे जाग्रत करने की जरूरत है। इसलिए हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउण्डेशन के सदस्यों ने आम नागरिकों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में मेले में पधारें।

कन्याओं के हाथों में रहेगा शस्त्र व शास्त्र

महिला समन्वयक विनीता धर्म, आईएमसीटीएफ इंदौर अध्यक्ष मंजूषा राजस जौहरी,एवं एचएसएफ सदस्य सरिता पेंढारकर,मंजीत संधू गर्ग ने बताया कि भारतीय पारंपरिक परिधानों में सजधज कर बालिकाएं महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ एक साथ करेंगी। इसके लिए हर दिन विभिन्न सत्रों में ऑडियो वीडियो और धार्मिक किताबों के माध्यम से रिहर्सल करवाई जा रही है। एक साथ एक ही सुर ताल में स्रोत का पाठ न केवल माहौल को आध्यात्मिकता से जोड़ेगा बल्कि सकारात्मक की लहर भी घोल देगा। आयोजन में जहां 100 कन्याएं मंच पर त्रिशूल के साथ दिखेंगी तो वहीं मंच के ठीक सामने 1 हजार कन्याओं का पाद-पूजन किया जाएगा। इसके पश्चात सभी कन्याओं के साथ उपस्थित प्रबुद्ध नागिरकों द्वारा सामूहिक रूप से महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत पाठ किया जाएगा।

घर-घर पहुंची 25 हजार पुस्तकें, लाखों लोगों ने श्रवण किया महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ

हिंदू आध्यात्मिक सेवा संस्थान के प्रचार प्रमुख जवाहर मंगवानी, इस कार्यक्रम के संयोजक अनूप शुक्ला एवं व्यवस्था प्रमुख दीपक जैन (टीनू) ने बताया कि रविवार 24 नवंबर को होने वाले इस कन्या पूजन एवं महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत पाठ में मठ-मंदिर, जाति-बिरादरी, एनजीओं सहित कई विद्यालयों की बालिकाएं अपनी भागीदारी दर्ज कराएंगी। इसी के साथ अन्य सामाजिक संगठनों का भी इसमें विशेष सहयोग रहेगा। आयोजन के पूर्व ही 21 हजार से अधिक पुस्तकें सदस्यों द्वारा घर-घर पहुंचाई जा चुकी है वहीं इस पूरे आयोजन को लेकर बनाए गए वीडियो व आडियो को भी प्रतिदिन लाखों लोगों द्वारा देखा व सुना जा रहा है। लालबाग में होने वाला यह आयोजन अपने आप में एक अनूठा आयोजन होगा जो शहर में नारी शक्ति के मान, सम्मान व आत्मरक्षा के लिए प्रेरित करेगा। इस ऐतिहासिक आयोजन में 25 हजार कन्याओं का पंजीयन किया गया है। रविवार शाम 4 बजे होने वाले इस आध्यात्मिक व धार्मिक आयोजन में शहर के कई गणमान्य नागरिकों के साथ ही सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक क्षेत्रों में सक्रिय रहने वाले भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।