केसर से श्रृंगारित अलीजा सरकार के स्वरूप को हजारों श्रद्धालुओं ने निहारा

केसर से श्रृंगारित अलीजा सरकार के स्वरूप को हजारों श्रद्धालुओं ने निहारा

स्वर्ण आभूषणो व फूल बंगले में भक्तों को दर्शन दिए अलीजा सरकार ने

40 हजार भक्तों ने ग्रहण की अन्नकूट की महाप्रसादी, अंतिम व्यक्ति आने तक जारी रहा भंडारा, भक्त मंडल के साथ ही महिला मंडल ने भी की परोसगारी

इंदौर  । रविवार को वीर बगीची में आंवला नवमी पर अन्नकूट महोत्सव आयोजित किया गया जिसमे 40 हजार भक्तों ने महाप्रसादी ग्रहण की। शाम 6 बजे प्रारंभ हुआ भंडारा अंतिम व्यक्ति आने तक चलता रहा। पंचकुईया कैलाश मार्ग पर आयोजित भंडारे में भक्त मंडल के साथ ही महिलाओं ने भी परोसगारी की एवं श्रद्धालुओं और भक्तों से पत्तल में झूठन नहीं छोडऩे का आग्रह भी किया। वहीं अलीजा सरकार को छप्पन भोग लगाने के साथ ही शहर के 31 देव स्थानों पर भी महाप्रसादी का भोग लगाया गया।

गादीपति ब्रह्मचारी पवनानंद महाराज ने बताया कि इस वर्ष अन्नकूट महोत्सव इको फ्रेंडली थीम पर आयोजित किया गया था। जिसमे प्लास्टिक व डिस्पोजल को पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया था एवं आने वाले भक्तों को भी पत्तल पर प्रसादी परोसी गई एवं पीने के पानी की व्यवस्था भी ताम्बे के लौटे से की गई थी। शाम 7 बजे शुरू हुए इस अन्नकूट में शहर की चारों दिशाओं से भक्त हजारों की संख्या में शामिल होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। भक्तों ने सर्व प्रथम फूल बंगले में स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगारित अलीजा सरकार के दर्शन किए एवं उसके पश्चात भोजन प्रसादी ग्रहण की। अन्नकूट महोत्सव में साधु-संतों के साथ ही शहर के धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक पार्टी से जुड़े कई गणमान्य नागरिकों ने भी शिरकत की थी। वीर बगीची में ब्रह्मचारी श्रीश्री 1008 कैलाशनन्दजी, औंकारानंदजी एवं प्रभुवानंदजी महाराज के स्थान को भी फूलों से श्रृंगारित किया गया था एवं भक्तों के दर्शन करने की भी अलग से व्यवस्था की गई थी।

1 किलो केसर से किया अलीजा सरकार का श्रृंगार

गादीपति ब्रह्मचारी पवनानंद महाराज ने बताया कि वर्षभर अलीजा सरकार को अलग-अलग थीम पर श्रृंगारित किया जाता है। जो यहां आने वाले भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है। इस वर्ष अन्नकूट महोत्सव के दौरान वीर अलीजा सरकार को 1 किलो केसर से श्रृंगारित किया गया वहीं इस केसर को बाद में मध्यवर्ग के लोगों को प्रसाद स्वरूप बांटा जाएगा। पवनानंद महाराज बताते हैं कि शहर में सबसे पहला स्थान वीर बगीची ही हैं जहां हनुमान जी को अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगारित किया जाता है। यहां के श्रृंगार का स्वरूप अन्य शहरों के देवालयों में भी भक्तों को देखने को मिलता है।

सुंदरकांड व भजनों पर जमकर झूमें भक्त

अन्नकूट महोत्सव के दौरान वीर बगीची में भजन संध्या भी आयोजित की गई जिसमे हजारों भक्त राम व अलीजा सरकार की भक्ति में झूमते नजर आए। वहीं भक्त मंडल द्वारा संगीतमय सुंदरकांड की प्रस्तुति ने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। वीर बगीची में हनुमान की चौपाइयों से पूरे समय मंदिर परिसर गूंजता रहा।

अंतिम व्यक्ति आने तक जारी रहा भंडारा

आंवला नवमी पर वीर बगीची में आयोजित अन्नकूट महोत्सव में विदेशों में रहने वाले भक्त भी बड़ी संख्या में पहुंचे। भक्तों के दर्शन करने से लेकर महाप्रसादी स्थान की अलग-अलग व्यवस्था भक्त मंडल द्वारा की गई थी। जहां एक ओर श्रद्धालु अलीजा सरकार का दर्शन कर रहे थे तो वहीं दुसरी तरह हजार भक्त भोजन प्रसादी ग्रहण कर रहे थे। इस वर्ष भी अन्नकूट महोत्सव अंतिम व्यक्ति आने तक जारी रहा। अन्नकूट में भक्तों को रामभाजी, पुड़ी, नुकती, जलेबी व भजिए का प्रसाद परोसा गया। वहीं इसके साथ अन्नकूट का भोग शहर के 31 देव स्थानों पर भी लगाया गया था। महाप्रसादी में 40 हजार भक्तों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की एवं 500 से अधिक भक्त मंडल के पदाधिकारियों ने इस पूरे आयोजन की कमान संभाली थी।