108 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं रथावर्तन महोत्सव आज से

धर्म प्रभावना समिति एवं सकल जैन समाज इन्दौर का आठ दिवसीय आयोजन

*108 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं रथावर्तन महोत्सव आज से*

– संत शिरोमणी आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के शिष्य परमप्रभावक मुनिश्री प्रमाण सागर के सान्निध्य में होगा महोत्सव
– 65 हजार स्के फीट का बना वातानुकूलित पांडाल में होगा आयोजन, 10 हजार जैन धर्मावलंबियों की रहेगी बैठने की व्यवस्था, हाईटैक होगा आयोजन, सवा सौ कैमरे से होगी आयोजन स्थल की निगरानी, 1000 हजार से अधिक कार्यकर्ता संभालेंगे व्यवस्था
– 55 स्के फीट के पांडाल में लगेगी भव्य प्रदर्शनी, 4 भोजन शालाओं में श्रावक-श्राविकाएं, इंद्र-इंद्राणी करेंगे भोजन ग्रहण
– 108 समवशरण की होगी रचना, एक समवशरण में 12 लोग बैठ सकेंगे, 108 समवशरण में सवा 600 लोग बैठेंगे

इन्दौर । धर्म प्रभावना समिति एवं सकल जैन समाज इन्दौर की मेजबानी में इन्दौर शहर में पहली बार भव्य व ऐतिहासिक अष्टानिका महापर्व में 108 श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं रथावर्तन महोत्सव 7 से 15 नवंबर तक विजय नगर बिजनेस पार्क स्थित ग्राउंड पर आयोजित किया जा रहा है। इस आठ दिवसीय महोत्सव की तैयारियों का अंतिम दौर जारी है। बंगाली कारीगरों द्वारा मुख्य पांडाल सहित प्रदर्शनी पांडाल, भोजन पांडाल, संत निवास को सजाने-संवारने का कार्य किया जा रहा है। संभवत: यह सभी कार्य 6 नवंबर तक पूर्ण हो जाएंगे। आठ दिवसीय 108 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं रथावर्तन महोत्सव मुनिश्री प्रणाम सागर व ससंघ के सान्निध्य में संपन्न होगा। महोत्सव में 28 राज्यों के जैन धर्मावलंबी भी शामिल होकर मुनिश्री का आशीर्वाद लेने के साथ ही आठ दिवसीय महोत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। धर्म प्रभावना समिति एवं सकल जैन समाज के पदाधिकारियों द्वारा महोत्सव में शामिल होने का निमंत्रण भी घर-घर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इसी के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से सभी आमंत्रण व निमंत्रण सभी को भेजे जा रहे हैं। विजय नगर बिजनेस पार्क ग्राउंड में आयोजित यह महोत्सव हाईटेक होगा जिसमें सवा सौ कैमरों की मदद से आयोजन पर नजर रखी जाएगी।

धर्म प्रभावना समिति, सकल जैन समाज एवं विधान संयोजक धर्मेंद्र जैन (सिनकेम), गिरीश जैन (गिन्नी ग्रुप) एवं प्रचार प्रमुख राहुल जैन (स्पोटर््स वल्र्ड) ने बताया कि विजय नगर बिजनेस पार्क स्थित ग्राउंड पर आयोजित होने वाले आठ दिवसीय महोत्सव में मुनिश्री प्रणाम सागर, मुनिश्री निर्वेग सागर एवं मुनिश्री संधान सागर का भी सान्निध्य जैन धर्मावलंबियों को मिलेगा। गुरूवार 7 से 15 नवंबर तक आयोजित होने वाले 108 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं रथावर्तन महोत्सव की शुरूआत घटयात्रा से होगी। गुरूवार 7 नवंबर को सुबह मोहता भवन परिसर में प्रात: 5.45 बजे अभिषेक, पूजा, सकलीकरण की विधियां संपन्न होगी। वहीं इसके पश्चात 6.45 बजे श्रीजी की शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ मोहता भवन से कार्यक्रम स्थल विजय नगर तक निकाली जाएगी। प्रात: 8.45 बजे ध्वजारोहरण, मंडप उद्घाटन, मंडप प्रतिष्ठा, अभिषेक, पूजन व विधान का क्रम चलेगा। सांय 5.30 बजे प्रतिक्रमण, शंका समाधान कार्यक्रम होगा एवं रात्रि 7 बजे महाआरती, शोभायात्रा, भक्तामर पाठ, जप-कीर्तन के कार्यक्रम आयोजित होंगे। वहीं 8 से 13 नवंबर तक प्रात: 5.15 बजे भावना योग, 6 बजे अभिषेक, पूजा, विधान, प्रात: 8.35 बजे दिव्य देशना, सांय 5.45 बजे प्रतिक्रमण, शंका समाधान, महाआरती, शोभायात्रा, जप-कीर्तन, भक्तामर पाठ का क्रम जारी रहेगा। गुरूवार 14 नवंबर को प्रात: 6 बजे अभिषेक, पूजा, विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ हवन पूजन, विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ हवन होगा।

धर्म प्रभावना समिति, सकल जैन समाज एवं महोत्सव आयोजक प्रदीप शास्त्री, अक्षय कासलीवाल एवं प्रकाश जैन (अभिनंदन प्रेस) ने बताया कि शुक्रवार 15 नवंबर को प्रात: 6 बजे अभिषेक, वृहत शांतिधारा, पूजन का क्रम चलेगा एवं प्रात: 7 बजे 108 श्रीजी की भव्य रथयात्रा प्रारंभ होगी। रथयात्रा में रथ विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा। इस आठ दिवसीय महोत्सव में शोभायात्रा के दौरान निकलने वाली झांकियों को भी पुरस्कृत किया जाएगा। जिसमें प्रथम पुरस्कार 10,1000, द्वितीय पुरस्कार 71,000, तृतीय पुरस्कार 51,000 एवं सांत्वाना पुरस्कार स्वरूप 5 व्यक्तियों को 11,000 रुपए की नगद राशि भेंट कर सम्मानित किया जाएगा। शोभायात्रा में बेस्ट महिला मंडल को 51,000, 31,000 एवं 21,000 हजार की राशि से पुरस्कृत करेंगे। श्रीजी की इस शोभायात्रा में भजन मंडली सहित समाज के महिला-पुरूष विशेष ड्रेस कोड़ परिधान पहन शामिल होंगे। शनिवार 16 नवंबर को गुणायतन एवं सेवायतन परिवार का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा एवं रविवार 17 नवंबर को भव्य पिच्छिका परिवर्तन महोत्सव के साथ ही इस आठ दिवसीय आयोजन का समापन होगा। महोत्सव में संपूर्ण भारत के जैन समाज बंधु शिरकत करेंगे। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड सहित अन्य राज्यों के गुरू भक्त शामिल होंगे। वहीं आठ दिवसीय महोत्सव की अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी अध्यक्ष अशोक-रानी डोसी, महोत्सव अध्यक्ष नवीन-आनंद गोधा, महामंत्री हर्ष जैन, जैनेश झांझरी, पवन सिंघई को सौंपी गई है।

108 समवशरण मंडल बनेंगे 12 लोग बैठेंगे – विजय नगर बिजनेस पार्क स्थित ग्राउंड में महोत्सव को लेकर 7 से अधिक भव्य पांडाल बनाए गए हैं। मुख्य आयोजन 65 हजार स्के फीट में बनाए गए भव्य वातानुकूलित पांडाल में होगा। जिसमें दोनों ओर 108 समवशरण मंडल बनाए जाएंगे जिसमें एक समवशरण मंडल में 12 लोग बैठ सकते हैं। पूरे 108 मंडल विधान में लगभग सवा 600 लोगों की बैठने की व्यवस्था रहेगी। वहीं पांडाल के मध्य भाग में इंद्र-इंद्राणीयों के बैठने की व्यवस्था की गई है। पांडाल में आने-जाने के लिए 3 से अधिक द्वार बनाए गए हैं।

4 भोजन शाला में होगी भोजन प्रसादी, 1000 कार्यकर्ता संभालेंगे व्यवस्था – आयोजन स्थल पर अलग-अलग पांडाल तैयार किए गए हैं। जिनमें सभी लोगों की व्यवस्था की गई है। महिला व पुरूषों के लिए भी अलग पांडाल का निर्माण करवाया गया है। वहीं 10 हजार जैन धर्मावलंबियों के लिए 4 भोजन शाला बनाई गई हैं। जिसमें इंद्र-इंद्राणियों की व्यवस्था अलग की गई है। आयोजन स्थल पर 55 स्के फीट में भव्य पांडाल बनाया गया है जिसमें प्रदर्शनी लगाई जाएगी। वहीं संत निवास स्थान को भी संवारा सजाया जा रहा है। जिसमें मुनिश्री निवास करेंगे। महोत्सव की दिव्यता व भव्यता को देखते हुए 1000 कार्यकर्ताओं को इस आयोजन की कमान सौंपी गई है। पार्किंग व्यवस्था में दो पहिया व चार पहिया वाहनों की अलग व्यवस्था की गई है। चार पहिया वाहनों के लिए चुनिंदा स्थान नियुक्त किए गए हैं तो वहीं दो पहिया वाहनों की पार्किंग आयोजन स्थल के आसपास की गई है। आयोजन स्थल पर 20 फायर सेफ्टी का भी इंतजाम किया गया है। वहीं जैन धर्मावलंबियों के लिए एम्बुलेंस सेवा सहित इमरजेंसी की भी पूरी व्यवस्था की रहेगी।