देवकर्म एच्छिक हो सकते हैं, पितृ कर्म तो अनिवार्य ही हैं
हंसदास मठ पर श्रद्धा सुमन सेवा समिति के तर्पण अनुष्ठान में प्रतिदिन पहुंच रहे 400 से अधिक साधक- पितृ मोक्षदायी भागवत 25से
इंदौर,। तर्पण हमारे सोलह संस्कारों में से एक महत्वपूर्ण शास्त्रोक्त अनुष्ठान है, जिससे काल सर्पदोष, पितृदोष एवं जन्म कुंडली के ग्रहों के दोष भी नष्ट हो सकते हैं। हमारी संस्कृति में दीपावली, नवरात्रि, गणेश उत्सव एवं श्राद्ध पक्ष जैसे उत्सवों का प्रावधान इसीलिए है कि हम अपने देवी-देवताओं और पितरों को प्रसन्न रख सकें। देव कर्म एच्छिक हो सकते हैं, लेकिन पितृ कर्म तो अनिवार्य ही होते हैं। ये केवल श्राद्ध पक्ष में नहीं, बल्कि हर दिन भी करें तो इससे पितरों और पूर्वजों को प्रसन्नता भी मिलेगी और हमारे पुण्य का बैलेंस भी बढ़ेगा।
एयरपोर्ट रोड, पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मंठ पर श्रद्धा सुमन सेवा समिति की मेजबानी में चल रहे श्राद्ध पर्व में सोमवार को भागवताचार्य पं. पवन तिवारी ने ने उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए। हंसदास मठ के युवराज महामंडलेश्वर पं. पवनदास महाराज के सानिध्य में साधकों अनुष्ठान का शुभारंभ भगवान हरि विष्णु के पूजन के साथ हुआ। पं. पवन तिवारी ने दिवंगत पूर्वजों, और गोमाता के लिए भी मोक्ष की कामना के साथ विश्व शांति एवं जन मंगल के लिए अनुष्ठान कराए। तर्पण में आज भी 400 से अधिक साधकों ने भाग लिया। प्रारंभ में समिति के अध्यक्ष हरि अग्रवाल, उपाध्यक्ष राजेन्द्र सोनी, महासचिव डॉ. चेतन सेठिया, राजेन्द्र गर्ग, शंकरलाल वर्मा, माणकचंद पोरवाल, विनय जैन, जगमोहन वर्मा आदि ने पं. तिवारी एवं पं. पवनदास महाराज का स्वागत किया। आरती में राजकुमारी मिश्रा, रानीलता सेठिया, ज्योति शर्मा, मंजू सोनी, गीता विजयवर्गीय सहित बड़ी संख्या में मातृशक्तियों ने भी भाग लिया।
*शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भी किया तर्पण* – अध्यक्ष हरि अग्रवाल ने बताया कि आज भी तर्पण अनुष्ठान में देश के लिए शहीदों, होल्कर शासकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए भी मोक्ष की कामना की गई। हंसदास मठ पर आने वाले सभी साधकों के लिए तर्पण सामग्री, थाली, कलश, दूध, दुर्वा, काली तिल, जौ, पुष्प एवं जनेऊ सहित सभी सामग्री समिति की ओर से निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। तर्पण के बाद निर्धनों, गोवंश एवं पशु-पक्षियों के लिए खीर प्रसाद एवं हरे चारे की व्यवस्था भी यहां प्रतिदिन रखी गई है। संचालन हरि अग्रवाल ने किया और आभार माना राजेन्द्र सोनी ने।
* पितृ मोक्षदायी भागवत*- समिति के अध्यक्ष हरि अग्रवाल एवं उपाध्यक्ष राजेंद्र सोनी ने बताया कि बुधवार, 25 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक पितृ मोक्षदायी भागवत कथा भी आचार्य पं. गौरव तिवारी के श्रीमुख से प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक होगी।