किसी भी अच्छे कार्य को करने के लिए स्वंय आगे आना पड़ता है- मुनिश्री निर्वेग सागर
रविवार 22 सितंबर को होगी मोहता भवन में सामूहिक क्षमावाणी, समग्र दिगंबर जैन समाज बंधु होंगे शामिल, मुनिश्री प्रमाण सागर के सान्निध्य में होंगे कई कार्यक्रम
इन्दौर । किसी भी अच्छे कार्य को करने के लिए स्वंय आगे आना पड़ता है। दूसरों के विश्वास से आप निर्दोषचर्या का पालन नहीं कर सकते। उन्होंने आचार्य गुरुदेव विद्यासागरजी महाराज द्वारा लिखित महाकाव्य मूकमाटी से उदधृत ये पक्तियाँ सुनाते हुए कहा कि घट बनाने के लिए शिल्पकार ने गधे की पीठ पर लदी माटी को उपाश्रम के प्रांगण में उतारा गया। माटी को छानने के लिए बारिक तार वाली चालनी लाई गई, शिल्पी स्वंय उस माटी को छान रहा था, जिससे उसमें आए कंकड़ों को निकाला जा सके।
उक्त विचार मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज के शिष्य मुनिश्री निर्वेग सागर महाराज ने रेसकोर्स रोड़ स्थित मोहता भवन में जारी चातुर्मासिक प्रवचनों की अमृत श्रृंखला के दौरान गुरूवार को श्रावक-श्राविकाओं को धर्मसभा में संबोधित करते हुए व्यक्त किए। वहीं आज धर्मसभा में मुनिश्री संधान सागर ने भी अपने उद्गार देते हुए कहा कि आज हम सभी लोग एक-दूसरे से क्षमा मांग रहे है। आज तक गलत दिशा में चले यदि हम सही दिशा में दो कदम भी चले तो हमारे चलने की सार्थकता है। श्रद्धा ज्ञान तथा विवेक से आगे बढऩे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जैसे बीजों की रक्षा बोने में है उसी प्रकार हमें अपने व्रतों की रक्षा संयम के पालन से करने की जरूरत है। ज्ञान और वैराग्य से कर्मो का आवरण हट जाएगा। आचार्यश्री का हायकू है साधु वृक्ष है-छाया फल प्रदाता खुद धूप खाता फल खिलाता। सूरज 50 साल पहले भी था आज भी है। प्रकृति में कोई चेंज नहीं आया, फिर आप लोगों की दिनचर्या क्यों बदल गई। आज की युवा पीड़ी रात को 2-2.30 बजे तक जागती है। उठने के टाईम तक सोते रहती है। मुनिश्री ने कहा जो सूरज के ऊगने के पश्चात भी सोते रहते है, उसके जीवन में कभी उजाला नहीं आता। आजकल के युवाओं में कूबत कम और गुस्सा ज्यादा हैं और लक्षण है मिट जाने का। हम लोग विदेशी शिक्षा ढो रहे हैं, तभी तो हम ढोर हैं और उसी शिक्षा पद्धति को आदर्श मान रहे है। उन्होंने कहा कि यदि विश्व में शांति चाहते हो तो सही दिशा में कदम बढ़ाने होंगे और यह तभी संभव होगा जब सभी लोग एक-दूसरे को सहयोग करेंगे।
धर्म प्रभावना समिति एवं प्रचार प्रमुख राहुल जैन (स्पोटर््स वल्र्ड), नवीन-आनंद गोधा, अशोक-रानी दोषी, हर्ष जैन एवं प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री प्रमाण सागर, मुनिश्री निर्वेग सागर एवं मुनिश्री संघान सागर महाराज के सानिध्य में रेसकोर्स रोड़़ स्थित मोहता भवन में रविवार 22 सितंबर को सामूहिक क्षमावाणी महापर्व प्रात: 8.30 बजे से मनाया जाएगा। इस अवसर पर मुनिश्री प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे एवं प्रात: 10 बजे से सामूहिक रूप से इंदौर की जैन समाज द्वारा क्षमा याचना की जाएगी। वहीं इसके पश्चात सभी श्रावक-श्राविकाओं के लिए स्वामिवात्सल्य का आयोजन होगा। राहुल जैन (स्पोटर््स वल्र्ड) ने बताया कि विगत दस दिनों से श्रावक संस्कार शिविर लगाया गया था। जिसमें संपूर्ण भारत से लगभग 2500 सदस्यों ने भाग लिया। शिविर में लगभग 210 शिविरार्थियों ने उपवास किए। जिसमें अजमेर से आए श्रावक कैलाशचंद्र जैन ने 32 उपवास किए थे तथा पीयूष जैन जयपुर ने 16 उपवास को पूर्ण किया था। आज पाणना संपन्न हुई। गुरूवार को प्रवचन के दौरान मुकेश-विजय पाटौदी, धर्मेंद्र जैन (सिनकेम), पवन सिंघई, विशाल जैन (नसिया), डीके जैन, अपूर्व सतभैय्या, नीरज जैन, अनिल बांझल, मनोज-अनामिका बाकलीवाल, रितेश पाटनी, दिलीप पाटनी, दिलीप गोधा, संदीप गंगवाल, ऋतुल अजमेरा, विपुल अजमेरा सहित बड़ी संख्या में समग्र दिगंबर जैन समाज बंधु मौजूद थे।