राम और कृष्ण के बिना सनातनी संस्कृति अधूरी

राम और कृष्ण के बिना सनातनी संस्कृति अधूरी

इंदौर । नमस्कार और सम्मान मन से होना चाहिए। मन के आगे न लगा दिया जाए तो नम अर्थात झुकना और मन के पीछे न लगा दिया जाए तो मनन अर्थात मंथन। हमारे अहंकार का विसर्जन किए बिना हमारा कोई कार्य सफल नहीं हो सकता। गुरू और भगवान के दरबार में जब भी जाएं, सहज और नम्र भाव से जाएं। दुष्ट व्यक्ति वह होता है जो अपने स्वार्थ या लोभ के कारण तुरंत रंग बदल लेता है। उसे यदि हमसे कोई लाभ होता हो तो वह तुरंत चले आता है अन्यथा देख कर भी अनदेखा कर देता है। राम और कृष्ण के बिना सनातनी संस्कृति अधूरी है।
भागवताचार्य पं. हर्ष शर्मा ने श्री सनाढ्य ब्राह्मण सभा के तत्वावधान में श्री सनाढ्य सभा महिला मंडल द्वारा आयोजित भागवत ज्ञान यज्ञ के दौरान उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए। कथा में आज कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। हजारों भक्तों ने कृष्ण जन्म प्रसंग की जीवंत झांकी का आनंद लिया। इस अवसर पर विद्वान वक्ता ने कहा कि राम और कृष्ण के बिना भारत भूमि पर धर्म और संस्कृति की कल्पना भी संभव नहीं है। कृष्ण इस पुण्यधरा के कण-कण में और राम जन जन के रोम-रोम में रचे बसें है। कृष्ण जन्मोत्सव के लिए आज कथा स्थल को विशेष रूप से फूलों एवं गुब्बारों से सजाया गया था। अनेक बच्चें भी भगवान के श्रृंगार में सजकर आए थे। जैसे ही कृष्ण जन्म का प्रसंग आया, और वसुदेव एवं देवकी नन्हे कृष्ण को सुसज्जित टोकनी में ले कर कथा स्थल पहुंचे तो नंद में आनंद भयो जय कन्हैयालाल की, भजन पर समूचा कथा स्थल थिरक उठा। हर कोई कृष्ण जन्म की मस्ती में डूबा रहा। माखन मिश्री के प्रसाद वितरण ने इस उत्सव के उत्साह को कई गुना बढ़ा दिया था। इसके पूर्व राम जन्म प्रसंग का उत्सव भी मनाया गया।
कथा शुभारंभ के पूर्व पप्पू शर्मा, जी.के. पाराशर, सत्यप्रकाश शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, संजय जारोलिया, भगवती शर्मा तथा मातृशक्ति की ओर से श्रीमती सीमा शर्मा, सुषमा पाराशर, सुधा दोनेरिया, मनीषा पाराशर, उषा जोशी, ममता उपमन्यु,. निशा शर्मा, सुनीता पाराशर, पिंकी पाठक, दर्शना शर्मा, योगिलता दांतरे, शीतल दुबे, नीतू शर्मा, शकुन शर्मा, उषा शर्मा, सोनाली जारोलिया एवं श्रीमती उमा पाराशर आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। विद्वान वक्ता की अगवानी अनिल शर्मा, दीपक शर्मा, राकेश पाराशर, राधेश्याम शर्मा, संजय बुधोलिया, शेखर शुक्ला, दीपक बिरथरे, अमित शर्मा, सत्यप्रकाश शर्मा, सोनू दांतरे, बबन शर्मा एवं राहुल तिवारी ने की। ज्ञान यज्ञ का यह आयोजन 17 सितम्बर तक चंद्रभागा जूनी इंदौर स्थित राधा कृष्ण मंदिर पर प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक जारी रहेगा। कथा प्रसंगानुसार रविवार, 15 सितम्बर को बाल लीला एवं गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया जाएगा। सोमवार 16 सितम्बर को रास लीला एवं रुक्मणी विवाह तथा मंगलवार, 17 सितम्बर को सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष एवं हवन-पूजन के साथ पूर्णाहुति होगी।
भागवताचार्य पं. हर्ष शर्मा ने कहा कि भगवान गुणी व्यक्ति को अपना लेते हैं, अवगुणी को भी। समुद्र मंथन में जब देवता लोग जहर ले कर भगवान शंकर के पास पहुंचे तो उन्होने पार्वती से पूछा कि इस जहर का क्या करूं, इस प्रसंग में यह संदेश निहित है कि गृहस्थी के महत्वपूर्ण निर्णयों में पत्नी की राय भी अवश्य लेना चाहिए। अपनी वाणी को संयमित रख कर हम दूसरों से अपना काम करा सकते हैं। कई बार वाणी भी जहर से ज्यादा घातक बन जाती है। मंथन से मदिरा निकली तो देवताओं ने उसे राक्षसों को दे दिया अर्थात मदिरापान करने वाले राक्षसी प्रवृत्ति के होते हैं। कृष्ण नाम के अमृत का पान करेंगे तो किसी सत्संग के पांडाल में गिरेंगे लेकिन मदिरा पान करेंगे तो खुद को ही पता नहीं रहेगा कि कहां गिरे हैं।