मरीमाता चौराहा स्थित सिद्ध विजय गणेश मंदिर पर पहले दिन से ही जुटने लगा भक्तों का मेला

 मरीमाता चौराहा स्थित सिद्ध विजय गणेश मंदिर पर पहले दिन से ही जुटने लगा भक्तों का मेला

मंदिर के चारों ओर मनोहारी विद्युत सज्जा- 11 विद्वानों ने समर्पित किये छप्पन भोग

इंदौर, । मरीमाता चैराहा स्थित श्री सिद्ध विजय गणेश मंदिर पर शनिवार को गणेशोत्सव के पहले दिन गणेशजी की दिव्य प्रतिमा का मारवाड़ी सेठ के रूप में आकर्षक श्रृंगार किया गया। इसके पूर्व 11 विद्वानों ने मंत्रोच्चार के बीच दूध एवं फल-फूल से अभिषेक कर गणेशजी को छप्पन भोग समर्पित किए। मंदिर पर दस दिवसीय गणेशोत्सव के कार्यक्रम भी निर्धारित हो गए हैं। आज पहले दिन श्रीधर झरकर छोटे पागल बाबा की भजन संध्या का आयोजन किया गया। महोत्सव में दसों दिन विभिन्न कार्यक्रम होंगे।
संयोजक एवं विधायक गोलू शुक्ला ने बताया कि 8 सितम्बर को अंकित गुरू की, 9 को मुकेश शर्मा एवं प्रिया किशोरी, 10 को सरिता शर्मा, अशोक पांचाल ग्रुप, 11 को लक्ष्मी पांडे मथुरावाली, 12 को उज्जैन के प्रख्यात पीरू पहलवान और साथियों द्वारा वीर तेजाजी की कथा का दो दिवसीय आयोजन होगा। 14 को श्रद्धा सांई भजन मंडली के सुमित मधुराज, 15 को कविता यादव, 16 को जय रणजीत भजन मंडल के सतीश शर्मा काका की भजन संध्या और 17 सितम्बर को शर्मा बंधु महावाले की भजन संध्या के आयोजन होंगे।
उन्होंने बताया कि मंदिर पर श्रृंगार दर्शन हेतु चौराहे पर भक्तों की सुविधा के लिए समुचित प्रबंध किए गए हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार एवं दाएं-बाएं बेरिकेट्स लगाकर भक्तों को नियंत्रित करने की व्यवस्था की गई है, ताकि चौराहे का यातायात बाधित न हो सके। आज महोत्सव के पहले दिन ही सिद्ध विजय गणेश के दर्शनार्थ भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। रात्रि को महाआरती में पूर्व पार्षद राजेंद्र शुक्ला, विधायक संजय शुक्ला, दीपेन्द्रसिंह सोलंकी, क्षेत्र के पार्षदों सहित अनेक विशिष्टजन शामिल हुए। महोत्सव में पूरे दस दिनों तक प्रतिदिन रात 9 बजे से भजन संध्या एवं अन्य धार्मिक आयोजन होंगे। मंदिर के पुजारी पं. प्रेमनारायण शास्त्री, पं. महेंद्र शर्मा, राजेंद्र शास्त्री के निर्देशन में भगवान के नित्य नूतन श्रृंगार का सिलसिला आज से शुरू हो गया है। आज सिद्ध विजय गणेश को मारवाड़ी सेठ के रूप में सजाया गया । श्रृंगार दर्शन के लिए पहले दिन ही 20 हजार से अधिक भक्तों ने कतारों में लगकर दर्शन किए। महिला एवं पुरूषों के लिए यहां पृथक कतारों में दर्शन एवं प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है।