प्राचीन हंसदास मठ के नए युवराज महामंडलेश्वर बने पं. पवनदास, चादर विधि में देशभर से आए संत महंत
खाड़ी का मंदिर लोहारपट्टी से शोभायात्रा, तीन तीन शुभ संयोगों में हुआ पट्टाभिषेक, एक हजार से अधिक संत आए
इंदौर । शहर के सबसे प्राचीन धर्मस्थल हंसदास मठ को आज नए युवराज महामंडलेश्वर एवं महंत मिल गए। मठ के अधिष्ठाता हंस पीठाधीश्वर श्रीमहंत रामचरणदास महाराज ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में पं. पवनदास महाराज का चयन किया। बुधवार को सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि एवं एंद्र महायोग की शुभ बेला में देश के प्रमुख धर्मस्थलों एवं तीर्थ नगरी से आए संतों, महंतों, विद्वानों एवं महामंडलेश्वरों की साक्षी में टीला गाद्याचार्य मंगल पीठाधीश्वर, दाऊजी मंदिर डाकोर एवं मलाड मुंबई स्थित हनुमान मंदिर के तपोनिष्ठ संत श्री माधवाचार्य महाराज की अध्यक्षता में सनातन धर्म के जयघोष के बीच पं. पवनदास को महंताई की चादर ओढ़ाई गई। इस दौरान उनकी तिलक और कंठी की विधि भी सौल्लास संपन्न हुई।
इसके पूर्व लोहार पट्टी स्थित खाड़ी के मंदिर से बैंडबाजों सहित एरोड्रम रोड स्थित हंसदास मठ तक देशभर से आए संतों, महंतों की भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई। मार्ग में अनेक स्थानों पर संतों का पुष्प वर्षा के साथ जोरदार स्वागत किया गया। शोभायात्रा का स्वरूप इतना जबर्दस्त था मानो कुंभ मेले के पूर्व शाही यात्रा निकल रही हो। संभवतः शहर में यह पहला चादर विधि समारोह था, जिसमें एक हजार से अधिक संत, महंत और विद्वान शामिल हुए।
हंसदास मठ पहुंचने पर टीला गाद्याचार्य श्री माधवाचार्य महाराज, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य नरसिंह धाम, महंत रामबालक दास रामायणी, रामकृपालदास हरिद्वार, अयोध्या, काशी, जगन्नाथपुरी, नैमिषारण्य सहित देश के अनेक तीर्थ स्थलों से आए संतों के सानिध्य एवं इंदौर विरक्त संत मंडल के महामंडलेश्वर राधे राधे बाबा, महामंडलेश्वर स्वामी रामगोपालदास तथा रेवा विरक्त संत मंडल के संत, महंत एवं विद्वानों की साक्षी में मंगल पीठाधीश्वर स्वामी माधवाचार्य महाराज एवं इंदौर के प्रमुख धर्मस्थलों के महंतों, महामंडलेश्वरों ने पं. पवनदास को महंताई की चादर ओढ़ाई । उनके तिलक और कंठी की विधि भी सम्पन्न हुई। इसके पूर्व सभी संतों, विद्वानों ने मंदिर पर चल रहे रुद्राभिषेक एवं सभी देवालयों में पूजा- अर्चना के बाद गौशाला पहुंचकर गौ सेवा भी की। पं. पवनदास महाराज ने सभी वरिष्ठ संतों को प्रणाम कर उनके शुभाशीष भी प्राप्त किए। इस मौके पर अणि अखाड़े, सात खालसों के श्रीमहंत एवं सभी तीर्थ के त्यागी संतों की सन्निधि में पं. पवनदास ने सनातन धर्म, संस्कृति एवं संस्कारों के अनुरूप अपने दायित्व का पालन करने का संकल्प व्यक्त किया। कार्यक्रम में आचार्य पं. कल्याण दत्त शास्त्री, पं. योगेंद्र महंत, म. प्र. ज्योतिष एवं विद्वत परिषद के अध्यक्ष आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक भी मौजूद थे।
इस मौके पर देशभर से आए एक हजार से अधिक संत, महंत शामिल हुए। पं. पवनदास महाराज अब हंस पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महंत कहलाएंगे । इस प्रसंग पर राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि भी विशेष रूप से उपस्थित थे। विजयवर्गीय ने सभी संतो, महंतों का तिलक लगाकर स्वागत किया, वहीं विधायक मेंदोला ने मठ पर आए संतों के साथ तिरंगा यात्रा भी निकाली। मठ के पं. अमितदास महाराज को मठ का अधिकारी बनाया गया है, जो मठ की विभिन्न व्यवस्थाएं संभालेंगे। शहर में किसी धर्म स्थल पर महंताई का इतना भव्य और विशाल आयोजन पहले कभी नहीं हुआ।
*देशभर से आए संत महंत*- बुधवार को हुए चादर विधि समारोह में श्रीमहंत रामकृष्णदास जी जगन्नामपुरी, श्रीमहंत बृजमोहनदास जी तेरह भाई त्यागी, श्रीमहंत रामप्रवेशदास जी बारह घाट वृंदावन, श्रीमहंत सीतारामदास जी महात्यागी आयोध्या, महंत बृजमोहनदासजी बाग, महंत हरिदास जी झोंकर, महंत दयारामदास जी पीपलखूंटा, भोले बाबाजी नैमिषारण्य, महंत जगदीशदास जी दाहोद, महंत हरिओमदास जी बांसवाड़ा, महंत भक्तिदास जी नासिक, महंत काशीदास जी उज्जैन, महंत गरीबदास जी, महामंडलेश्वर पुरुषोत्तमदास जी, महामंडलेश्वर जनार्दन हरि जी,महंत नरसिंहदास जी मांडव, महंत राजीवलोचन दास जी काशी सहित अनेक धर्म स्थलों की संत महंत शामिल हुए।