बोल बम के उदघोष के बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया बाणेश्वरी कावड़ यात्रा का शुभारंभ

बोल बम के उदघोष के बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया बाणेश्वरी कावड़ यात्रा का शुभारंभ

महेश्वर में मां नर्मदा के दुग्धाभिषेक एवं चुनरी समर्पण के साथ शुरू होगी महाकालेश्वर तक की कावड़ यात्रा

इंदौर,  । बोल बम के गगनभेदी उदघोष और भोलेबाबा की भक्ति से ओतप्रोत गीतों एवं भजनों की प्रस्तुतियों के बीच रविवार दोपहर राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भगवा ध्वजा दिखाकर मरीमाता चौराहे पर बाणेश्वरी कावड़ यात्रा को महेश्वर के लिए विदाई दी। ढोल-नगाड़ों के बीच पुष्प वर्षा और विद्वान पंडितों द्वारा मंगलमय शंख ध्वनि के बीच यात्रा संयोजक गोलू शुक्ला ने पहले मरीमाता चौराहा स्थित सिद्ध विजय गणेश मंदिर पर पूजा-अर्चना की, कन्याओं का पूजन किया और बाद में प्रदेश एवं देश में सुखद वर्षा की कामना से मंदिर परिसर में पौधा भी रोपा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट भी मौजूद थे।
मरीमाता चौराहे पर अनेक अतिथियों की मौजूदगी में सैकड़ों कार्यकर्ताओं एवं कावड़ यात्रा में साथ जा रहे श्रद्धालुओं ने यात्रा संयोजक गोलू शुक्ला का स्वागत कर उन्हें साफा बांधा, पुष्पहारों से लादा और यात्रा की सफलता के लिए शुभकामनाएं भी व्यक्त की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जब मरीमाता चौराहा पहुंचे तो उनको देखते ही कावड़ यात्रियों में जबर्दस्त जोश का माहौल बन गया। संयोजक गोलू शुक्ला ने उन्हें कावड़ के रूप में स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस बीच अनेक श्रद्धालुओं ने भी मुख्यमंत्री को पुष्पहारों से लाद दिया। डॉ. मोहन यादव ने बहुत इत्मीनान से अनेक कावड़ यात्रियों से बातचीत भी की, झांकियों का अवलोकन भी किया और श्रद्धालुओं को यात्रा की सफलता की शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर पर पूर्व पार्षद राजेन्द्र शुक्ला, यात्रा प्रभारी दीपेन्द्रसिंह सोलंकी, कमल शुक्ला, गोविंद पंवार, अनिल पिपलोदिया, दिलीप मिश्रा, नारायणसिंह चौहान, पप्पू हार्डिया, सहित अनेक श्रद्धालुओं ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
आज सुबह महेश्वर में मां अहिल्या एवं मां नर्मदा का होगा दुग्धाभिषेक- मरीमाता चौराहा पर कावड़ यात्रियों के स्वागत का यह सिलसिला करीब दो घंटे तक चलता रहा। अनेक श्रद्धालु भोलेबाबा, हनुमानजी एवं रामकृष्ण सहित अनेक देवी-देवताओं का श्रृंगार रचकर आए थे। यात्रा की विधिवत शुरूआत सोमवार 22 जुलाई को सुबह 7 बजे संतों के सानिध्य में महेश्वर के अहिल्या घाट पर देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण, 151 लीटर दूध से मां नर्मदा के अभिषेक एवं 1200 मीटर लंबी चुनरी समर्पित करने के साथ होगी। यात्रा के साथ इंदौर से 3 मनोहारी झांकियां भी महेश्वर के लिए प्रस्थित हुई। ये सभी झांकियां सोमवार को महेश्वर से यात्रा के साथ चलेंगी । इस दौरान पूरे यात्रा मार्ग में सभी रात्रि विश्राम वाले स्थानों पर प्रतिदिन सुबह योग, कन्या पूजन एवं पौधरोपण के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। इस बार यात्रा में 5 हजार से अधिक श्रद्धालु प्रस्थित हुए हैं, जो महेश्वर से नर्मदा का जल लेकर उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर का जलाभिषेक कर उनसे प्रदेश एवं देश में सुख-शांति एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना करेंगे।
यात्रा प्रभारी दीपेन्द्रसिंह सौलंकी ने बताया कि सोमवार को कावड़ यात्री रात्रि विश्राम गुजरी में करेंगे। महेश्वर से महाकालेश्वर तक की लगभग 180 किलोमीटर की यह यात्रा करीब 8 दिनों में पूरी होगी। यात्रा 22 जुलाई को गुजरी से मानपुर, 23 जुलाई को मानपुर से महू, 24 जुलाई को महू, 25 जुलाई को महू से इंदौर में रात्रि विश्राम के बाद 26 जुलाई को सुबह नगर भ्रमण के बाद रेवती रेंज, 27 जुलाई को पंथपिपलई और 28 जुलाई को पंथपिपलई से उज्जैन पहुंचने के बाद सोमवार 29 जुलाई को सुबह 4 बजे उज्जैन में महाकालेश्वर के जलाभिषेक के साथ समापन होगा।