प्रत्येक संत की सेवा में मग्न रहना ही अच्छे शिष्य की पहचान –आचार्य उदार सागर

प्रत्येक संत की सेवा में मग्न रहना ही अच्छे शिष्य की पहचान –आचार्य उदार सागर

– अंजनि नगर स्थित पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर पर पावन वर्षा योग एवं कलश स्थापना समारोह

इंदौर  । हमारे गुरू कोई भी हो, परंतु जैन समाज के प्रत्येक संत की सेवा में मग्न रहना ही अच्छे शिष्य की पहचान होती है। हम गुरू को जितना समय और समर्पण देंगे, उनके आशीर्वाद में भी उतना ही प्रेम और वात्सल्य मिलेगा। गुरू हमेशा अपने शिष्य की तरक्की से प्रसन्न होते हैं। प.पू. आचार्य उदार सागर म.सा.  एरोड्रम रोड, अंजनि नगर स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर एवं दिगम्बर जैन पंच बालयति जिनालय पर 38वें पावन वर्षा योग एवं कलश स्थापना समारोह में मंगल चातुर्मास कलश स्थापना प्रसंग पर व्यक्त किए।

सामूहिक पूजन के पूर्व सांसद शंकर लालवानी ने भी पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। चातुर्मास समिति के संयोजक देवेन्द्र सोगानी, चंद्रकुमार गोधा एवं ऋषभ पाटनी ने बताया कि इस अवसर पर प्रथम कलश समिति के अध्यक्ष ने बोली के रूप में राजेश आशीष वेद, द्वितीय रानी-अशोक डोसी, तृतीय कलश हेमंत-अनिता गदिया, चतुर्थ कलश धनराज कासलीवाल एवं पंचम कलश अशोक पंचरत्न परिवार ने लिया।
समिति के आशीष वेद के अनुसार गुरू पूर्णिमा के अवसर पर अनेक छोटी कहानियां सुनाकर प.पू. आचार्यश्री ने गुरू की महत्ता बताई। प्रचार मंत्र नितिन पाटोदी एवं महावीर काला ने बताया कि आचार्यश्री के प्रवचन प्रतिदिन सुबह के सत्र में होंगे।