संविधान ने स्त्री, पुरुष को बराबर का अधिकार दिया, लेकिन हम महिलाओ के साथ पक्षपात कर रहे

*अभ्यास मंडल के मंच पर डॉ. नवप्रीत कौर ने कहा*

*जन्म के पहले ही महिलाओं के साथ हो जाते हमले*

*संविधान ने स्त्री, पुरुष को बराबर का अधिकार दिया, लेकिन हम महिलाओ के साथ पक्षपात कर रहे है*

*निर्भया केस नहीं होता तो लक्ष्मी एसिड अटैक को न्याय नहीं मिलता*

*इंदौर*। एक पुरुष एक महिला पर इसलिए एसिड अटैक कर रहा है, क्योंकि उसने लड़के को जन्म नहीं दिया, वह उससे शादी करने को तैयार नही है। अब तो इसलिए भी महिलाओ पर एसिड अटैक हो रहे है क्योंकि वह शिक्षा आदि क्षेत्रों मे पुरुषो से आगे निकल रही है। दरअसल कुछ पुरुषों की मानसिकता ही ऐसी हो गई कि वह किसी महिला को आगे बढते हुए देखना ही नहीं चाहते, यह कडवा सच हैं।
यह बात कहीं अभिभाषक एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नवप्रीत कौर ( चंडीगढ )ने। वे आज अभ्यास मंडल के मासिक व्याख्यान में प्रेस क्लब सभाग्रह् मे मुख्य वक्ता बतौर उपस्थित थी।


भारत में महिलाओ पर हिंसात्मक हमले विषय पर बोलते हुए डॉ. कौर ने आगे कहा कि महिलाओ के साथ हमेशा से पक्षपात होता आया है और आज भी जारी है। जन्म के पहले ही भ्रूण में उसे मार दिया जाता है। शादी के बाद दहेज की आड़ मे महिला को मारा जा रहा है। हालाँकि हमारे संविधान मे महिला और पुरुष को बराबर अधिकार दिये है, लेकिन हमारा समाज पुरुष के मुकाबले महिला को कम आंकता है।
आज भी पुत्र जन्म को शुभ माना जाता है और पुत्री जन्म को बोझ। अगर पढाई की बात हो तो लड़के को पहले प्राथमिकता दी जाती है और लड़की को बाद मे। लड़की को आगे बढ़ने के अवसर और सवंत्र दोनों ही कम है, जो बताता है कि हमारा समाज पुरुष प्रधान से बाहर नही निकल पाया है।
डॉ. कौर ने आगे कहा कि लड़कियों पर एसिड अटैक इसलिए होते ताकि उसके चेहरे को बदसूरत कर वह किसी से साथ विवाह नही कर सके, क्योंकि हमारा समाज लड़की के चेहरे की सुंदरता पहले देखता है। एसिड से चेहरा ही नही झुलसता बल्कि हड्डियां तक गल जाती है। एक एसिड अटैक महिला को 10 से 12 सर्जरी करानी पड़ती है और प्रत्येक सर्जरी का खर्च 2 से 3 लाख रुपये आता है।
डॉ कौर ने कहा कि वर्ष 2005 मे 15 साल की उम्र में लक्ष्मी पर 32 वर्ष के युवक ने एसिड हमला किया था, क्योंकि उसने शादी करने से मना कर दिया था। लक्ष्मी ने 2006 मे कोर्ट मे पी आई एल लगाई, लेकिन फ़ैसला आया वर्ष 2013 मे, उसके पहले दिसंबर 2012 में निर्भया केस हो गया था, अगर निर्भया केस नही होता तो शायद लक्ष्मी एसिड हमले का फ़ेसला नही होता।
डॉ. कौर ने आगे कहा कि लड़कियों को आगे बढ़ने के अवसर हमें अधिक देने होंगे। महिला और पुरुष दोनों मिलकर के ही एक सुंदर समाज का निर्माण कर सकते है। श्रोता बिरादरी द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नो के संतोष जनक उत्तर डॉ. कौर ने दिए।
अतिथि स्वागत अभ्यास मंडल के रामेश्वर गुप्ता, मनीषा गौर, डॉ. पल्लवी आढाव ने किया। अतिथि परिचय दिया अंजिक्य डंगावकर ने। डॉ. ओ. पी. जोशी ने प्रतिक चिन्ह प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन किया वैशाली खरे ने और आभार माना रामेश्वर गुप्ता ने। कार्यक्रम में अशोक कोठारी, डॉ माला सिंह ठाकुर, अनिल मोड़क, शफी शेख, प्रवीण जोशी, हरेराम वाजपेयी, हबीब बेग, मुरली खंडेलवॉल, ग्रीष्मा त्रिवेदी दीप्ति गौर, आलोक खरे, श्याम पांडे सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।