मां बचपन व शरीर संवारती है तो गुरू आत्मा संवारते हैं- हर्षप्रिया
इन्दौर । वृक्ष पर यदि डाली न हो तो सुगंधित फूल भी जमीन पर गिर जाते हैं। उसी प्रकार यदि हमारे जीवन में गुरू का सान्निध्य व साथ न हो तो हमारा जीवन भटकता ही रहता है। मां तो हमारा लालन-पोषण कर हमारा बचपन व भविष्य संवारती हैं लेकिन गुरू के सान्निध्य से हमारी आत्मा संवरती हैं। इसलिए मनुष्य जीवन में गुरू का सान्निध्य होना बहुत जरूरी है। उक्त विचार तिलक नगर साईनाथ कालोनी स्थित श्री राजेंद्र सूरी जैन आराधना भवन (छोटा मोहनखेड़ा तीर्थ) में आयोजित गुरू चरण पूजन एवं सम्मान समारोह के दौरान मुक्तिप्रिया श्रीजी मसा. की शिष्या हर्षप्रियाश्रीजी मसा ने श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने सभी गुरू भक्तों को गुरू की महिमा भी बताई।
कार्यक्रम सूत्रधार गोलू सकलेचा एवं अभय बाफना ने बताया कि रविवार को आचार्य देवेश श्रीमद विजय ऋषभचंद्र सुरीजी म.सा. का 66 वा जन्मदिवस एवं द्वितीय स्वर्गारोहण समारोह के साथ ही गुरू चरण पूजन एवं सम्मान समारोह की शुरूआत जिनालय से भव्य शोभायात्रा के साथ की गई। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में समाज बंधु शामिल हुए थे। विभिन्न मंचों से यात्रा की अगवानी भी की गई। जिनालय से प्रारंभ शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए पुन: मंदिर परिसर पहुंची जहां इस यात्रा का समापन हुआ। समापन के पश्चात धर्मसभा एवं गुरू चरण पूजन सभी श्रावक-श्राविकाओं ने किया। कार्यक्रम के मुख्य लाभार्थी अशोक, अनूप, स्वाति, ऋषभ, अनंत कटारिया परिवार थे। कार्यक्रम का संचालन अभय बाफना ने किया एवं शैलेष अम्बोर ने माना।
वरिष्ठ समाजसेवियों का नागरिक अभिनंदन- कार्यक्रम सूत्रधार अभय बाफना एवं गोलू सकलेचा ने बताया कि आचार्य देवेश श्रीमद विजय ऋषभचंद्र सुरीजी म.सा. का 66 वा जन्मदिवस एवं द्वितीय स्वर्गारोहण समारोह भी मनाया गया एवं अ.भा त्रिस्तुतिक श्रीसंघ मध्यप्रदेश अध्यक्ष संतोष नाकोड़ा ेवं इन्दौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ कॉलेज चेयरमेन कांतिलाल बम का बहुमान भी इस अवसर पर किया गया। सम्मान समारोह में मेघराज लोढ़ा, आनंदीलाल अम्बोर, केशरीमल जैन, अनूप कटारिया, अनिल मेहता, स्वप्निल कोठारी, शैलेष अम्बोर, कैलाश नाहर, विजय मेहता, नरेंद्र संचेती, मनीष सुराणा, प्रकाश भटेवरा, कासलीवाल सहित विशेष रूप से उपस्थित थे।