महापुरुषों के सदकर्मों का गुणगान हमेशा होना चाहिए

इंदौर,। देवी अहिल्या की इस नगरी से भक्ति की धारा का प्रवाह कभी खत्म नहीं होता। इस नगरी में दादा नेमीनाथ की 700 वर्ष प्राचीन प्रतिमा के अभिषेक की जो शुरुआत नवरत्न परिवार ने की है, वह निरंतर प्रवाहित होते रहना चाहिए। महापुरुषों के सदकर्मों का गुणगान हमेशा होना चाहिए। हमारे मन की भावनाओं को उत्कृष्टता इसी तरह के अनुष्ठानों से मिलेगी। भावपूर्ण वंदन और अभिषेक से हर तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं।

साध्वी सौम्यवंदनाश्रीजी म.सा. के, जो उन्होंने सोमवार सुबह पीपली बाजार स्थित लाल मंदिर पर आयोजित भगवान नेमीनाथ के पुण्य दिवस के उपलक्ष्य में उनकी प्रतिमा के अभिषेक के दौरान व्यक्त किए। नवरत्न परिवार के राष्ट्रीय संरक्षक ललित सी. जैन एवं  राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष प्रीतेश ओस्तवाल ने बताया कि  मंदिर में नवरत्न परिवार एवं अर्हम ग्रुप की मेजबानी में साध्वी सौम्यवंदनाश्रीजी म.सा. आदिठाणा ने भी पूजा-अर्चना की। प्रारंभ में प्रदीप बिजावत, नरेन्द्र डांगी, अनुदित उन्हेंल, मुकेश पटवा एवं अन्य समाज बंधुओं  ने तीर्थराज गिरनार की तर्ज पर ढोल-नगाड़ों, शहनाई एवं अन्य वाद्य यंत्रों की सुर लहरियों के बीच दादा नेमीनाथ के अभिषेक की शास्त्रोक्त विधियां संपन्न कीं। कार्यक्रम संयोजक प्रीतेश ओस्तवाल ने बताया कि दादा नेमीनाथ की यह प्रतिमा करीब 134 वर्ष पहले लाल मंदिर में स्थापित की गई है। भक्तों ने विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों और औषधियों से भगवान का अभिषेक कर असंख्य दीपों से आरती भी की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज बंधु उपस्थित थे।