राष्ट्र एवं समाज को चाहिए सत्यम, शिवं, सुंदरम का भाव — आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद

इंदौर,  । वृंदावन के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज के सानिध्य में शनिवार को सुबह महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में गीता भवन सत्संग सभागृह में पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं पूजन का विशेष अनुष्ठान सोल्लास संपन्न हुआ, जिसमें करीब ढाई सौ युगलों ने शामिल होकर भगवान भवानी शंकर से राष्ट्र और समाज में सुख-शांति एवं सदभाव के लिए प्रार्थना की।

इस मौके पर स्वामी भास्करानंद ने कहा कि शिव नाम ही कल्याण का पर्याय है। आज देश और समाज को सत्यम, शिवम, सुंदरम जैसा विचार और भाव चाहिए। पूरे विश्व को आज भगवान शिव की इसी कल्पना को मूर्त रूप देने की जरूरत है, जहां न कोई भूखा रहे, न कोई प्यासा। न कोई विवाद रहे, न कोई प्रमाद। समाज के विषाद को प्रसाद बदलने की कथा है शिव पुराण। शिव पुराण कथा के समापन अवसर पर आयोजित विशेष पूजन, अभिषेक एवं अनुष्ठान में समाजसेवी प्रेमचंद-कनकलता गोयल, विजय-कृष्णा गोयल, श्याम-अंजलि अग्रवाल, राजेश-उषा बंसल, आनंद-निधि गोयल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने महामंडलेश्वरजी के सानिध्य तथा सात विद्वान आचार्यों के निर्देशन में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर दूध, गन्ने के रस एवं पंचामृत से उनका अभिषेक पूजन किया एवं तदपश्चात विसर्जन किया। रूद्राभिषेक के बाद राम दरबार में हुई महाआरती में रामविलास राठी,  दीपचंद गर्ग, राजेश गर्ग, शिव जिंदल, विनोद गोयल आदि ने भाग लिया।  इसके साथ ही शिव पुराण कथा का सोल्लास समापन हुआ।