इंदौर । साफ-सफाई में देश में लगातार छह बार अव्वल आने का रिकॉर्ड बनाने वाले इंदौर के ऐतिहासिक लालबाग मैदान में 11 फरवरी से 19 फरवरी तक नौ दिनी जनजातीय फूड फेस्टिवल और जड़ी-बूटी मेले का आयोजन होने जा रहा है। श्री नारायण मानव उत्थान समिति एवं सीबीएमडी द्वारा आयोजित किये जा रहे इस मेले को लेकर वृहद तैयारियां की गई हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान 11 फरवरी को इस मेले का शुभारंभ करेंगे। मेला संयोजक पुष्पेंद्र चौहान और बलराम वर्मा ने मेले को लेकर बताया कि लालबाग के इस मेले में लोगों को साढ़े चार सौ भी ज्यादा स्टॉल देखने को मिलेंगे। यहीं झूला झोन होगा, फूड झोन होगा और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। मेले में आवास, निर्माण, लाइटिंग, साउंड, स्वच्छता, यातायात, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खोया-पाया केंद्र आदि के लिए दो दर्जन से ज्यादा समितियां जुटी हुई हैं। जनजातीय व्यंजनों की जहां तक बात है तो इसके लिए जमीन को बालिका साक्षी वहीड़ा द्वारा मिट्टी और गोबर से पारम्परिक तरीके से लीपकर उस पर ग्रामीण परिवेश की चार झोपडिय़ा बनाई गई हैं। मेले में आने वाले दर्शक इनमें बैठकर सुस्वादु और पौष्टिक जनजातीय व्यंजनों का लुत्फ ले सकेंगे। वे यहां बाग-टाण्डा की टीम द्वारा तैयार दाल-पानिये, ज्वार की रोटी, मक्का की रोटी, मटूरिया, देशी चटनी और पत्थर पर पिसी चटनी सहित अन्य व्यंजनों का आनंद उठा सकेंगे। मेले में ग्रामीण-जनजातीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली दुर्लभ जड़ी-बूटियों के सौ स्टॉल भी लोगों के आकर्षण का केंद्र होंगे। मेले में वैद्य प्रेमचंद जैन मंदबुद्धि बच्चों के लिए इलाज व परामर्श देंगे। डॉ. अखिलेश भार्गव कैंसर रोग, नीरज कानूनगो जटिल वात रोगों और डॉ. धर्मेंद्र शर्मा बाल रोगों पर इलाज व परामर्श देंगे। खास बात यह कि यहां परामर्श व दवाईयां नि:शुल्क दी जाएंगी। ऐसी करीब डेढ़ हजार जड़ी-बूटियों को यहां जानने का मौका मिलेगा।
श्री चौहान व श्री वर्मा ने बताया कि मेले में प्रतिदिन जनजातीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा जिसके जरिये शहर के लोग जनजातीय संस्कृति से भी परिचित होंगे। ये कार्यक्रम मध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा प्रस्तुत किये जायेंगे। यही नहीं, मेले में एकता मेहता द्वारा गोबर और मिट्टी से बनाये जाने वाले जनजातीय अर्नामेंट्स यानी आभूषण भी देखने को मिलेंगे व उनको बनाने तथा बारीकियां समझाई जाएंगी। इसी प्रकार मानसी नाटकर द्वारा जनजातीय ज्वेलरी की ट्रेनिंग दी जाएगी। श्री चौहान और श्री वर्मा ने बताया कि इस मेले में फि़ल्म फेस्टिवल भी होगा, जिसमें अखिल शर्मा और मलय वर्मा की शार्ट फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा।
श्री चौहान और श्री वर्मा ने बताया कि मेले में प्रतिदिन शाम 7 बजे से 8 बजे तक स्वास्थ्य को लेकर विशेषज्ञों के व्याख्यान भी होंगे। इसमें वसंत ऋतु के मद्देनजर युवा स्वास्थ्य, हृदय रोग, स्त्री रोग, शिशु रोग और कुपोषण आदि से संबंधित व्याख्यान होंगे। इस जनजातीय फूड फवेस्टिवल व जड़ी-बूटी मेले का शुभारंभ 11 फरवरी को शाम 7 बजे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान करेंगे। 19 फरवरी तक चलने वाला यह नौ दिनी मेला प्रतिदिन सुबह 11 से रात 10 बजे तक सभी के लिए खुला रहेगा।
मेला संयोजक पुष्पेंद्र चौहान व बलराम वर्मा ने बताया कि 450 स्टॉल इस मेले में लगाए जाएंगे। जिसमें जड़़ी-बूटियों को जानने व समझने का मौका आमजनों को मिलेगा। इसी के साथ यहां खान-पान के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। जिसमें महिलाओं द्वारा गौबर की खाद से जमीन पर लिपा गया है। जिससे आमजन यहां जमीन पर बैठकर भी स्वादिष्ट व पौष्टिक व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे। शनिवार 11 फरवरी को मेले का शुभारंभ शाम को दीप प्रज्जवलन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ किया जाएगा। इसी के साथ प्रतिदिन शाम 5 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। 19 फरवरी तक चलने वाला यह मेला 11 से रात्री 10 बजे तक जारी रहेगा।