भाजपा सासंद गुमानसिंह डामोर का निर्वाचन निरस्त करने हेतु कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के द्वारा प्रस्तुत चुनाव याचिका खारिज


“हाईकोर्ट ने आधारहीन याचिका प्रस्तुत करने पर कास्ट भी लगाई”
रतलाम । भाजपा सांसद गुमानसिंह डामोर के निर्वाचन को शून्य घोषित कराने के लिए कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया द्वारा प्रस्तुत चुनाव याचिका को उच्च न्यायालय की इन्दौर खण्डपीठ ने निरस्त कर दिया है। कांतिलाल भूरिया ने निर्वाचन प्रक्रिया में कथित तौर पर हुई गडबडियों के चलते सांसद गुमानसिंह डामोर का निर्वाचन शून्य घोषित करने की मांग की थी। उच्च न्यायालय ने याचिका में लगाए गए आरोपों को सही नहीं माना और याचिका को अर्थदण्ड लगाकर निरस्त किया है। उच्च न्यायालय के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए सासंद श्री डामोर ने इसे झूठी याचिका प्रस्तुत करने वालों के मुंह पर न्यायालय का तमाचा निरुपित किया है।
लोकसभा चुनाव मई 2019 में हुआ था। रतलाम संसदीय क्षेत्र से कांतिलाल भूरिया कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में मैदान में उतरे थे,जबकि भाजपा ने गुमानसिंह डामोर का अपना प्रत्याशी बनाया था। रतलाम संसदीय क्षेत्र का मतदान 19 मई 2019 को हुआ था,जबकि मतगणना और परिणामों की घोषणा 23 मई 2019 को हुई थी। परिणाम भाजपा के पक्ष में गए थे और गुमानसिंह डामोर ने यह चुनाव 88 हजार से अधिक मतों से जीता था।
परिणामों से रुष्ट कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने निर्वाचन प्रक्रिया में हुई कथित गडबडियों को लेकर इन्दौर उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका प्रस्तुत की थी। अपनी चुनाव याचिका में श्री भूरिया ने आरोप लगाया था कि रतलाम संसदीय चुनाव क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। श्री भूरिया की विशेष आपत्ति इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के साथ जुडने वाली वीवीपैट मशीनों की मतदाता पर्चियों की गणना को लेकर थी। श्री भूरिया ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि निर्वाचन अधिकारी ने वीवीपैट मशीनों की पर्चियों की गणना कर उसका मिलान परिणामों से नहीं किया था। साथ ही उनका ये भी आरोप था कि मतदान पूर्व होने वाले मोक पोल के परिणामों को मशीन से डिलीट कर दिया गया था।

इन्दौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विवेक रुसिया ने दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित कर दिया था,जिसे शुक्रवार(आज) को घोषित किया गया। अपने निर्णय में न्यायमूर्ति श्री रुसिया ने याचिका में उठाई गई आपत्तियों को आधारहीन पाया। अपने निर्णय में उन्होने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा मतगणना के समय इस विषय को लेकर कोई आपत्ति दर्ज कराई गई हो,ऐसा कोई तथ्य प्रस्तुत नहीं किया गया है और यह स्वीकार किया गया है कि मतगणना के समय ऐसी कोई आपत्ति नहीं ली गई थी। इसके अतिरिक्त भी न्यायमूर्ति ने श्री भूरिया की याचिका को आधारहीन पाते हुए कास्ट लगाकर निरस्त कर दिया है।

उच्च न्यायालय के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद श्री डामोर ने कहा कि झूठ लम्बे समय तक नहीं चल सकता और झूठ के पांव भी नहीं होते। कांग्रेस और कांग्रेसी देश को हमेशा गुमराह करते रहे और झूट बोलते रहे हैैं। इनका मुख्य काम ही यही था कि देश के लोगों से झूठ बोलना और देश को गुमराह करना। श्री डामोर ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय का यह निर्णय याचिका प्रस्तुत करने वाले उन लोगों के मुंह पर तमाचा है, जो झूठे तथ्यों के आधार पर माननीय उच्च न्यायालय को भी गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे। यही वजह है कि माननीय उच्च न्यायालय ने इस चुनाव याचिका को कास्ट लगाकर निरस्त किया है। श्री डामोर ने माननीय उच्चन्यायालय के निर्णय को न्याय की जीत बताया है।