वैदिक मंगलाचरण और मातारानी के जयघोष से गूंज उठा मां अन्नपूर्णा का नव श्रृंगारित मंदिर
इंदौर। शहर के पश्चिम क्षेत्र स्थित अन्नपूर्णा मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में बुधवार को प्रतिमाओं के अन्नाधिवास की प्रक्रिया संपन्न हुई। आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज के सानिध्य एवं आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में मुख्य यजमान विनोद-नीना अग्रवाल सहित यजमान समूह के युगलों ने शास्त्रोक्त विधि से मां अन्नपूर्णा, मां कालिका, मां सरस्वती, गणेशजी, भोलेनाथ, हनुमानजी एवं गायत्री की प्रतिमाओं को 6 क्विंटल गेहूं से आच्छादित कर पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही नूतन श्रृंगारित संगमरमर से निर्मित मंदिर परिसर विद्वान आचार्यों के वैदिक मंगलाचरण और मातारानी के जयघोष से गूंज उठा। उधर परिसर में चल रहे सहस्त्र चंडी महायज्ञ में भी 111 आचार्यों द्वारा आज स्थापित देवताओं के पूजन के बाद अरणि मंथन द्वारा अग्नि स्थापन किया गया। गुरूवार 2 फरवरी को प्रख्यात भजन गायिका सुश्री कविता पौड़वाल की भजन संध्या रात 8 बजे से होगी।
आश्रम के न्यासी मंडल की ओर से श्याम सिंघल, दिनेश मित्तल, सत्यनारायण शर्मा, वरजिंदरसिंह छाबड़ा, पवन सिंघानिया, सुनील गुप्ता एवं जगदीश भाई पटेल सहित अनेक श्रद्धालु इस अवसर पर मौजूद थे। मंगलवार को इन प्रतिमाओं के जलाधिवास की विधि संपन्न हो चुकी है। बुधवार को अन्नाधिवास की प्रक्रिया में लगभग एक घंटे का समय लगा। इस दौरान हजारों श्रद्धालु मंदिर के बाहर से उक्त विधियां देखने के लिए मौजूद रहे। जैसे ही आचार्यों ने अन्नाधिवास की प्रक्रिया प्रारंभ की, बाहर खड़े श्रद्धालु उत्साह के साथ मातारानी के जयघोष के उदघोष करते रहे। गुरुवार को शैय्याधिवास की प्रक्रिया दोपहर के सत्र में संपन्न होगी और इसके पूर्व 108 कलशों से इन प्रतिमाओं का औषधियुक्त जल, पवित्र नदियों के जल तथा अन्य सुगंधित पदार्थों से मिश्रित जल से स्नान कराया जाएगा। शुक्रवार 3 फरवरी को प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में इन सभी प्रतिमाओं को निर्धारित स्थानों पर रखकर बाद में मंत्रों द्वारा विभिन्न प्रकार के यज्ञों का न्यास इन प्रतिमाओं में स्थापित किया जाएगा।
मुख्य मंदिर के सामने शंकरजी को भिक्षा देते हुए मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा भी स्थापित होगी – आश्रम के ट्रस्टी गोपालदास मित्तल एवं श्याम सिंघल ने बताया कि पुराने मंदिर के गर्भगृह के स्थान पर भगवान शंकर को भिक्षा देते हुए मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा एक छोटे मंदिर में स्थापित की जाएगी। इसके लिए मंदिर का आकार तैयार हो चुका है। 3 फरवरी को यहां उक्त प्रतिमाएं स्थापित कर दी जाएंगी। इससे पुराने गर्भगृह के स्थान पर किसी भी भक्त के पैर नहीं पड़ सकेंगे।
आज के कार्यक्रम – प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे दिन गुरुवार सुबह देव पूजन एवं सप्तशती पाठ के बाद दोपहर के सत्र में स्नपन विधि द्वारा 108 कलशों से प्राण प्रतिष्ठित की जाने वाली सभी प्रतिमाओं को स्नान कराने के बाद शैय्याधिवास एवं महान्यास की प्रक्रिया संपन्न होगी। शुक्रवार, 3 फरवरी को सुबह के सत्र में स्थापित देवताओं के पूजन के बाद शिखर कलश प्रतिष्ठा एवं ध्वजारोहण के पूर्व हवन तथा अभिजीत मुहूर्त में मां की प्राण प्रतिष्ठा महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि के सानिध्य एवं आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के कर कमलों से होगी।
आज सुश्री कविता पौड़वा की भजन संध्या – गुरुवार 2 फरवरी को प्रख्यात पार्श्व गायिका अनुराधा पौड़वाल की बेटी सुश्री कविता पौड़वाल की भजन संध्या रात 8 बजे से होगी। सुश्री कविता ने अपनी माता अनुराधा जी की तरह अनेक लोकप्रिय भजन एवं गीत गाए हैं। उन्होंने ‘प्रकट हुई है मां…’’, माता तेरी सदा हो जय…, तू शबरी बनकर तो दिखा… , ऐसा जादू कर गई राधा रानी… और सुबह को बोल, शाम को बोल जैसे अनेक लोकप्रिय गीतों को अपने मखमली स्वर दिए हैं। अन्नपूर्णा आश्रम परिसर में उनकी भजन संध्या के लिए शामियाने, बैठक, प्रकाश, साफ-सफाई, सुरक्षा, वाहन पार्किंग सहित अनेक सुविधाएं रखी गई हैं।